भिलाई। कोविड टीका लगवाने के बाद कोरोना होने की बात गलत है। टीका लगने के बाद कोविड होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। हकीकत यह है कि कुछ लोगों में कोरोना का संक्रमण होने के बाद भी या तो कोई लक्षण नहीं होते या फिर हल्के फुल्के लक्षण होते हैं जिसे लोग नजरअंदाज कर जाते हैं। ऐसे संक्रमित लोगों में टीका लगवाने के बाद भी लक्षण उभर कर सामने आ सकते हैं। यह बातें हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आकाश बख्शी ने कही। उन्होंने बताया कि अस्पताल आने वाले अनेक कोविड मरीजों से बातचीत के आधार पर वे यह कह सकते हैं कि कोरोना के लक्षणों को लेकर लोग अब भी लापरवाह हैं। हल्का फुल्का बुखार, शरीर दर्द जैसे लक्षणों को लोग या तो छिपा रहे हैं या फिर नजरअंदाज कर रहे हैं। संक्रमित व्यक्ति को टीका लगाने के बाद भी कोरोना के लक्षण उग्र होकर सामने आ सकते हैं। इसी से यह भ्रम फैल रहा है कि टीका लगाने के कारण कोरोना हो रहा है।
दिल के मरीजों में कोरोना पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड टीम में एक कार्डियोलॉजिस्ट का होना बहुत जरूरी है। कोविड के बहुत सारे लक्षण ऐसे हैं जो भ्रमित कर सकते हैं। दिल के मरीजों में फ्लुइड बैलेंस को मेनटेन करना एक चुनौती होती है। उनकी जरूरत आम रोगियों से अलग होती है। साथ ही रक्त का गाढ़ापन एक दूसरी समस्या है जो कोरोना के रोगियों में आम है। हृदय रोगियों के लिए यह स्थिति खतरनाक है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में कोविड से मरने वालों की ऑटप्सी हुई है। इसमें यह बात सामने आई है कि फेफड़ों तथा हृदय की नसों में थक्का जमने के कारण दिल का दौरा पड़ा है जिससे रोगी की मौत हुई है।
उन्होंने हृदयरोगियों को सलाह दी कि कोविड के इलाज के दौरान या ठीक होने के बाद भी वे निरंतर अपने कार्डियोलॉजिस्ट के सम्पर्क में रहें तथा दवाइयां लेते रहें।