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जिला अस्पताल में 20 हजार सिप्रोसीन

Nov 15, 2014

दुर्ग। बिलासपुर नसबंदी हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराई जा रही महावर फार्मा की सिप्रोसीन का किस पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा था, जिले के हालिया छापों से वह उजागर हो गया है। सिप्रोसीन की 20 हजार 30 गोलियां अकेले जिला अस्पताल से जब्त की गई हैं। बीएसएफ कैम्प से 520, जीवन रेखा परिसर के सरस्वती मेडिकल से 5800, जैन मेडिकल से इसी कंपनी की 480 मोट्रोडाइजेन, एसीसी जामुल से सिप्रोसीन की 1000 गोलियां जब्त की गई हैं। कलेक्टर द्वारा गठित 30 छापामार दल जिले के समस्त शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों, दवाई की दुकानों एवं निजी स्वास्थ्य केन्द्रों में छापे मार रही है। छापामार दल ग्रामीण क्षेत्रों के शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य केन्द्रों मितानिनों, महिला एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, शहरी क्षेत्रों के शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य केन्द्रों, दवा दुकानों की जांच करके महावर फार्मा द्वारा निर्मित दवाईयों को जब्त कर सील बंद कर रही है।
कलेक्टर आर शंगीता ने दवा विक्रेताओं एवं मेडिकल संघ के सदस्यों की बैठक लेकर बताया कि रायपुर खम्हारडीह स्थित महावर फार्मा की सभी दवाइयों पर प्रतिबंध लगा दिया गया हैं, अत: इस दवा कंपनी द्वारा निर्मित सभी प्रकार की दवाईयों की बिक्री तत्काल रोक दी जाए। इसके साथ ही महेन्द्र एन्टरप्राइजेस रायपुर कविता लेबोरेटरीज बिलासपुर, हिनेन्द्र एन्टरप्राइजेस रायपुर और उषा मेडिकल एजेंसी राजनांदगांव की दवाईयों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। सूचना के बाद भी यदि किसी दवा की दुकान में इस कंपनी की दवाईयां पाई जाती है, तो राज्य खाद्य एवं औषधी नियंत्रक द्वारा उनके लायसेंस रद्द किए जाएंगे।
उन्होंने समस्त शासकीय/निजी चिकित्सकों से अपील की है कि वे महावर फार्मासिस्ट द्वारा निर्मित किसी भी प्रकार की दवाई मरीजों को ना दें और ना ही पर्ची में लिखें। उन्होंने कहा कि महावर फार्मा के सिप्रोसीन 500 मिलीग्राम टैबलेट में अमानक तत्व शामिल है। इस कंपनी द्वारा निर्मित अन्य दवाईयों की मानक गुणवत्ता भी संदिग्ध है, अत: इस कंपनी की कोई भी दवा मरीजों को ना दी जाएं। यदि उनके पास इस कंपनी की कोई भी दवा है तो उसकी सूची बनाकर दवाईयों को तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास जमा कराएं। यदि दूर-दराज के दवाई दुकानदारों को महावर फार्मा की दवाईयां बेची गई है तो उन्हें तत्काल वापिस मंगाकर जमा करा दिया जाए। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की कि वे दवा खरीदते समय वे दवाई पैकेट के पीछे निर्माता कंपनी का नाम अवश्य देखें।

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