भिलाई। देश के 4 करोड़ लोग थैलेसीमिया जीन से प्रभावित हैं। विकसित थैलेसीमिया मरीजों के शरीर में खून नहीं बनता। इन्हें प्रतिवर्ष सिर्फ जिन्दा रहने के लिए 2 लाख रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। शरीर में इकट्ठा होने वाले लौह तत्व को निकालने और नया खून चढ़ाने के लिए इन्हें अस्पताल की शरण जो लेनी पड़ती है। भारत में प्रति वर्ष 10-12 हजार बच्चे इस रोग के साथ जन्म लेते हैं। हममें से प्रत्येक स्वस्थ्य व्यक्ति रक्तदान कर इनकी मदद कर सकता है। [More]
थैलसीमिया जीन से प्रभावित लोगों के शरीर में हीमोग्लोबिन पूरा नहीं बनता। इससे खून की कमी हो जाती है तथा रोगी का शरीर पीला पड़ता जाता है। आयु के साथ उसके शरीर का विकास नहीं होता, वजन नहीं बढ़ता। जिगर, तिल्ली व हृदय का आकार बढ़ता चला जाता है और अंतत: 5 साल की आयु से पहले ही रोगी की मृत्यु हो जाती है।
ऐसे रोगी को जीवित रखने के लिए उसे महीने में दो से चार बार रक्त चढ़ाना पड़ता है। देश में उपलब्ध रक्त का 50 फीसदी भंडार इन्हें जीवित रखने पर खर्च हो जाता है। इसके अलावा इन्हें प्रतिवर्ष 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक की दवाइयां लगती हैं। इसके अलावा बोन मैरो ट्रांसप्लांट से इनका इलाज किया जा सकता है। किन्तु डोनर नहीं मिलने के कारण यह एक सीमित विकल्प है।
कुण्डली नहीं रक्त पर दें ध्यान
लोग थलेसीमिया माइनर ग्रस्त हो सकते हैं, उनमें थैलेसीमिया ट्रेट हो सकता है। यदि विवाहत जोड़े में दोनों थैलसीमिया माइनर हों या उनमें थैलसीमिया ट्रेट हो तो ऐसे माता पिता के बच्चे में थैलसीमिया होने का खतरा 25 से 50 फीसदी तक बढ़ जाता है। इसलिए कुण्डली मिलाएं न मिलाएं, विवाह से पहले रक्त की जांच अवश्य कराएं। जांच में एचआईवी और सिकल सेल को भी शामिल कर लें तो हम रोगी बच्चों को जन्म देने से बच सकते हैं।
रक्तदान करें, इन्हें नया जीवन दें
रक्तदान एक बेहद सामान्य एवं सुरक्षित प्रक्रिया है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है। इसमें मुश्किल से 15-20 मिनट लगते हैं। पर हमारे एक बार रक्तदान करने से अनेक रोगियों की जान बचाई जा सकती है।
थैलसीमिया वेलफेयर सोसायटी
भिलाई में 1054, कुरुद रोड कोहका में थैलसीमिया वेलफेयर सोसायटी का दफ्तर है। यह संस्था थैलसीमिया के प्रति जागरूकता लाने, नए मामलों के संख्या को न्यूनतम करने और रोगियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में सक्रिय है। संस्था के महासचिव प्रमोद पुरी से मोबाइल नं. 9826170783 तथा 7587145031 पर सम्पर्क किया जा सकता है।