रायपुर/अंगुल (ओडिशा)। यह तो कहना मुश्किल है कि डाक्टरों को यह आइडिया फिल्म थ्री ईडियट्स देखने के बाद आया या ऐसे डाक्टरों को देखकर थ्री ईडियट्स बनाने का आइडिया आया किन्तु दोनों में काफी समानताएं हैं। ओडिशा के औद्योगिक नगर अंगुल में दूरबीन पद्धति से महिलाओं की नसबंदी करने के लिए उनके पेट में साइकिल पंप से हवा भरी गई। उल्लेखनीय है कि दूरबीन पद्धति से आपरेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मरीज के पेट में कार्बन डाईआक्साइड भरकर उसे फुलाया जाता है। इसके स्थान पर साइकिल पंप से हवा भर कर पेट फुलाया गया और आपरेशन किए गए। [More]
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी आपरेशन के दौरान बरती गई लापरवाहियों ने जहां लगभग डेढ़ दर्जन महिलाओं की जान ले ली वहीं अब अंगुल की इस घटना ने जाहिर कर दिया है कि सरकारी टारगेट पूरा करने के लिए चिकित्सक किसी भी हद तक जा सकते हैं। मजे की बात यह है कि अंगुल में इस नए तरीके की ईजाद करने वाले डॉ महेश चंद्र राउत भी अपनी सरकार के मुख्यमंत्री डॉ नवीन पटनायक के हाथों 60 हजार नसबंदी आपरेशन करने के लिए पुरस्कृत हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ में आरोपी बनाए गए डॉ आर के गुप्ता भी 50 हजार नसबंदी आपरेशन करने के लिए अपने मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के हाथों पुरस्कृत किए गए थे।
8 नवम्बर को छत्तीसगढ़ में किए गए इन आपरेशनों के बारे में डॉ गुप्ता ने कहा था कि तीन-चार घंटे में 83 मरीजों का आपरेशन करना कोई नई बात नहीं है। वे इससे भी ज्यादा आपरेशन इतनी अवधि में कर चुके हैं। वहीं अंगुल के डाक्टर राउत भी कहते हैं कि साइकिल पंप से मरीज का पेट फुलाना कोई नई बात नहीं है। ग्रामीण इलाकों में नसबंदी आपरेशन के दौरान ऐसी प्रक्रिया पिछले कई सालों से अपनाई जा रही है।