• Sun. Apr 28th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

हुलाहूप से मिलता है कमाल का फिटनेस

Jan 21, 2015

shobha hazraभिलाई। हुला हूप एक डांस पैटर्न तो है ही किन्तु इससे भी कहीं ज्यादा यह फिटनेस सिस्टम है। हुला हूप करने वाले के शरीर का लचीलापन जीवन भर बना रहता है। इससे स्नायुतंत्र मजबूत होता है, रक्तसंचार दुरुस्त होता है और चिर यौवन की प्राप्ति भी हो सकती है। खान-पान पर नियंत्रण या जिम की कभी उन्होंने जरूरत महसूस नहीं की।
यह कहना है देश की सर्वश्रेष्ठ हुलाहूप गर्ल शोभा हाजरा का। शोभा छत्तीसगढ़ व्यापार महोत्सव में प्रस्तुति देने के लिए यहां पहुंची थीं। कलामंदिर प्रांगण में आयोजित इस महोत्सव में संडे कैम्पस से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि वे मूलत: नेपाल से हैं। पर बचपन से ही कोलकाता में रह रही हैं। moreshobha hazraजब वे कक्षा नवीं में पढ़ती थीं, उसी दौरान हुलाहूप से उनका परिचय हुआ। छरहरे बदन की शोभा को यह खेल कुछ ऐसा रास आया कि उन्होंने इसे अपना करियर बना लेने की ठान ली। एक के बाद एक मंच मिलते गए और लोग उन्हें देखकर चकित होते रहे। कुछ लोगों ने सीखने की इच्छा जताई तो उन्होंने क्लासेस भी शुरू कर ली। बेंगालुरु में सेटल हो चुकीं शोभा इसके अलावा तैराकी और स्केटिंग का भी प्रशिक्षण देती हैं। स्केटिंग के लिए प्रसिद्ध आईपीएस अधिकारी केपीएस गिल के हाथों वे सम्मानित हो चुकी हैं। वे कहती हैं कि हुला हूप्स या स्केटिंग के लिए किसी खास जगह की जरूरत नहीं पड़ती। हुला हूप्स को किसी बड़े कमरे में, घर की छत पर या पार्क में किया जा सकता है। वहीं स्केटिंग भी घर की छत पर या सड़क पर किया जा सकता है।
शोभा बताती हैं कि उनका विवाह एक बंगाली संगीतज्ञ एवं कोच से हुआ। उनका बेटा अब क्लास 10 में पढ़ता है। वे उम्र के 40वें पायदान पर हैं किन्तु कोई यकीन नहीं करता। वे कहती हैं कि खान-पान से कुछ नहीं होता। वे सबकुछ खाती हैं किन्तु उनकी दिनचर्या ऐसी है कि वे उससे कहीं ज्यादा कैलोरी खर्च कर लेती हैं। व्यापार महोत्सव के मंच पर भी उन्होंने 5-7 मिनट के अंतर पर कई प्रस्तुतियां दीं। स्विंमिंग, स्केटिंग और हुलाहूप्स तीनों ही ऐसी कसरतें हैं जो शरीर को बैलेन्स्ड और फिट रखते हैं। इसके लिए जिम जाने की कोई जरूरत नहीं।

Leave a Reply