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पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है

Jan 18, 2015

kamlesh patel, deepak ranjan dasभिलाई। दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम असंभव नहीं होता। जब आप अपनी कमजोरी को ही अपनी खूबी बना लेते हैं तो दुनिया सलाम करती है। आपकी हंसी उड़ाने वालों की बोलती बंद करने का यही एकमात्र तरीका है। यह कहना है कि डांसिंग स्टार कमलेश पटेल का। कमलेश पटेल यहां छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स द्वारा आयोजित व्यापार महोत्सव में व्यापारियों का हौसला बढ़ाने पहुंचे थे। एक ताबड़तोड़ परफारमेंस के बाद चैम्बर के पदाधिकारियों ने गले लगाकर उनका सम्मान किया। संडे कैम्पस से चर्चा करते हुए कमलेश ने बताया कि पोलियो के कारण उनके पैरों की ताकत जाती रही। आगे पढ़ेंवे घिसट कर चलते। लोग या तो हंसी उड़ाते या फिर सहानुभूति दिखाते। उन्हें यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। हालांकि गुजरते वक्त के साथ उन्होंने महसूस किया कि ईश्वर ने यदि पैरों की ताकत छीन ली है तो इसकी भी कोई वजह होगी। फिर उन्होंने उस वजह को पहचान लिया और फिर चल पड़े अपनी मिसाल आप बनकर विकलांगों के साथ ही सकलांगों को मोटीवेट करने की राह पर। पैर नहीं थे, शायद इसीलिए उन्होंने डांस को चुना और पैर वालों को ही चुनौती देने लगे। पैर नृत्य के आड़े आने लगे तो एक दिन उन्होंने पैरों को उठाकर अपनी गर्दन में फंसा लिया। उन्होंने पाया कि वे आसानी से ऐसा कर सकते हैं। फिर यही उनका स्टाइल बन गया। आज उनके हाथों में इतनी ताकत है कि वे पैरों को गर्दन में फंसाए कुर्सी से कूदकर मंच पर उतर सकते हैं। एक हाथ पर खड़े होकर सलाम कर सकते हैं। वे गर्व से कहते हैं, पैर नहीं हैं तो क्या हुआ, आज हम अपने हाथों पर खड़े हो गए हैं।
कमलेश बताते हैं कि जब वे पहली बार डांस इंडिया डांस ऑडिशन के लिए पहुंचे तो लोगों ने उनकी हंसी उड़ाई थी। किन्तु जब उन्होंने परफार्म किया तो स्वयं मिथुन चक्रवर्ती ने उन्हें अपने पास बैठाया। बाद में उन्हें इस ईवेंट को जज करने का भी मौका मिला। इस एक ईवेन्ट ने उनकी दुनिया ही बदल दी। उन्होंने डीआईडी तो जीता है लोगों का दिल भी जीत लिया। इसके बाद कई मंचों पर उन्होंने प्रस्तुतियां दीं और विजेता बने। राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत हुए। अमेरिका सहित छह देशों में दर्जनों प्रस्तुतियां दीं और लिविंग लीजेंड बन गए।
32 वर्षीय कमलेश आज न केवल डांसर/परफार्मर हैं बल्कि वे जीते जागते मोटीवेशन आइकन हैं। उन्होंने युवाओं के साथ साथ व्यापारियों का भी आह्वान किया कि वे विपरीत परिस्थितियों से घबराएं नहीं बल्कि डटकर उनका मुकाबला करें। जीत उन्हीं की होगी। कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के जरिए वो सब संभव हो जाता है जो देखने में मुश्किल लगती है। इच्छाशक्ति यदि मजबूत है तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है जिसका उदाहरण आपके सामने हैं। वे कहते हैं –
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है
पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।
कमलेश कहते हैं, सहानुभूति में रस लिया तो आप कुछ नहीं कर पाएंगे। अपने जीवन का एक प्रसंग याद करते हुए उन्होंने बताया कि वे बड़ौदा के पास के एक गांव में रहते थे। वहां नृत्य सीखने की सुविधा नहीं थी। इसलिए वे प्रतिदिन बस में बैठकर बड़ौदा जाते और वहां प्रशिक्षण लेते। बस स्टाप के पास ही एक सज्जन ने उन्हें देखा। उन्होंने अपना कार्ड देकर घर आने का न्यौता दिया। पर संकोचवश वे उनके घर नहीं गए। दोबारा मुलाकात होने पर उस व्यक्ति ने बताया कि उसका बच्चा भी विकलांग है। अब तो जाना बनता ही था। कमलेश उनके घर पहुंचे। उनके परिवार के लोग कमलेश से मिलकर बहुत खुश हुए। जब कमलेश ने उनसे विदा ली तो उन्होंने जबरदस्ती उन्हें एक हजार रुपए दिए। गरीब परिवार के कमलेश ने कभी इतने पैसे एक साथ नहीं देखे थे। बावजूद उसने वह पैसा लेने से इंकार किया। एक तरह से उस परिवार ने जबरदस्ती उसे पैसे दिए। इस पैसे को कमलेश ने कभी खर्च नहीं किया। कभी भी आत्मबल, आत्मविश्वास कमजोर होने लगता तो वे उन पैसों को देखते और सहानुभूति को याद करते। इससे उनमें नया जोश भर जाता।
आज कमलेश विवाहित हैं। उनकी पत्नी भी डांसर है। एक बच्ची है। उन्हें उम्मीद है कि वह भी डांस फ्लोर पर आएगी और दुनिया को खुशी बांटेगी। जी टीवी के डांस इंडिया डांस में प्रस्तुति से मशहूर हुए कमलेश पटेल ने अब तक स्टार प्लस, स्टार वन, सोनी अन्य प्रादेशिक चैनलों पर डांस से जुड़े रियलिटी शो में प्रस्तुतियां दी हैं और यह सिलसिला जारी है। ग्रेजुएशन तक परिजनों एवं ट्राइसाइकिल के सहारे पढ़ाई की। इसके बाद ठान ली कि जिंदगी में कुछ कर दिखाना है। हतोत्साहित करने वाले खूब मिले, लेकिन हार नहीं मानी और लक्ष्य की ओर निगाह रखी। आज वह मानता है कि जो हतोत्साहित करते थे, सही मायने में उसके लिए वही एक तरह से गॉडफादर बने। उसने जी टीवी के शाबास इंडिया, बूगी-वूगी में भी प्रस्तुति दी। अब तक सैकड़ों मंचों पर प्रस्तुति दे चुके कमलेश ने खुद की एकेडमी खोली है, जिसमें वह सामान्य प्रतिभाओं के साथ ही शारीरिक रूप से कमजोर या अशक्त लोगों को भी डांस सिखाने का काम कर रहा है।

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