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बासंती में है कमाल का हुनर

Mar 15, 2015

basanti, disabled, para teacherधानबाद। बासंती का जब जन्म हुआ तो परिवार सदमे में आ गया था। रिश्तेदार और पड़ोसी बच्ची को मार देने की सलाह दे रहे थे। उसकी बाहें अविकसित थीं। पर माता-पिता ने बच्ची को सीने से लगाकर पाला। जब वह छह वर्ष की हुई तो उसने जिद करके स्कूल में दाखिला ले लिया और पैर से लिखने लगी। आज वह पैरा टीचर है और पांव से ही बोर्ड पर इस तरह लिखती है कि कराते और जिम्नास्टिक्स वालों भी हैरान रह जाते हैं। आज वह अपने छह सदस्यीय परिवार को अपने दम पर पालती है।

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