भिलाई। कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित कैरियर कॉउंसिलिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत आई.ए.एस., आई.पी.एस. जैसी सिविल सर्विसेस की प्रतियोगी परीक्षाओं के विषय में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। शासकीय ताम्रस्कर स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. एन.पी. दीक्षित की अध्यक्षता में सम्पन्न सेमीनार में डॉ. शकील हुसैन, डॉ. अरूण कुमार सिन्हा व संतोष परांजपे ने व्याख्यान दिये। डॉ शकील हुसैन ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि देश के विकास में अपना प्रभावकारी योगदान देने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवाओं से बेहतर कोई रोजगार नहीं है। इन सेवाओं में छत्तीसगढ़ के युवाओं की अल्प उपस्थित पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. शकील ने कहा कि यहॉं के युवाओं में इन सेवाओं में जाने की क्षमता तो है किन्तु वे या तो इसकी पहचान नहीं पाते अथवा इस हेतु जबरदस्त मेहनत की इच्छा नहीं रखते। समाजशास्त्री डॉ. अरूण कुमार सिन्हा सिविल सर्विसेस की परीक्षाओं के पैटर्न से विद्यार्थियों को अवगत कराते हुए कहा कि इन परीक्षाओं की तैयारी से विद्यार्थी पी.एस.सी., नेट, स्लैट जैसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने में ज्यादा सफलता पाते है।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य को निर्धारित कर निरंतर मेहनत कर सिविल सर्विसेस की परीक्षाओं में सफलता अर्जित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिन्दी माध्यम के विद्यार्थी भी यदि ठान ले तो वे अपनी लगन व मेहनत से आई.ए.एस. जैसी सेवाओं में आ सकते है। संतोष परांजपे ने केन्द्र व राज्य स्तर पर सिविल सर्विसेस के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों से मानसिक रूप से तैयार रहने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. एन.पी. दीक्षित ने विद्यार्थियों को अपनी क्षमताओं व अभिरूचि के अनुसार लक्ष्य निर्धारित कर संकेन्द्रित होकर लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास करने को कहा। जैव रसायन विभाग के अध्यक्ष प्रो. डी.एन. शर्मा ने अतिथियों का परिचय कराते हुए विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए नौकरी के विभिन्न विकल्पों की जानकारी दी। वनस्पति विभाग के प्रो पंकज जैन ने आभार प्रदर्शन किया।