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पोषण के मोर्चे पर नूडल्स फेल

May 20, 2015

noodles are no good for healthमुंबई। बेशक नूडल्स हमें बनाने और खाने में आसान व टेस्टी लगते हों लेकिन इसमें पांच प्रतिशत भी पौष्टिक तत्व नहीं है। कंज्यूमर एजुकेशन ऐंड रिसर्च सेंटर (सीईआरएस) द्वारा 15 प्रमुख ब्रांड के नुडल्स के अध्ययन में यह बात सामने आई है। इन सभी ब्रांड में के नूडल्स में स्वीकृत मानक से अधिक नमक और फाइबर की बेहद कम मात्रा पाई गई। यह बच्चों को ब्लडप्रेशर और माइग्रेन जैसी बीमारियों दे सकता है। सीईआरएस की डॉ. प्रीति शाह ने बताया, नूडल्स की पौष्टिकता जानने के लिए यूके एफएसए के निर्धारित मानकों पर सैंपल की टेस्टिंग की गई। 15 में से 10 प्रमुख ब्रांड में नमक की मात्रा अधिक पाई गई जो बच्चों में ब्लडप्रेशर बढ़ने का कारण बन रहा है। यही नहीं अधिकतर ब्रांड पौष्टिकता की बात तो करते हैं, जबकि एक भी ब्रांड में पांच प्रतिशत से ज्यादा पौष्टिक तत्व नहीं थे। आटा नूडल्स को मल्टीग्रेन नूडल्स कहा जाता है, जबकि इसमें केवल 72 प्रतिशत हिस्सा ही अनाज का होता है, जबकि वसा की अधिकता अनाज की पौष्टिकता को कम कर देती है।
पैकेट पर लिखा झूठ
-100 ग्राम नूडल्स में 130/600 मिलीग्राम नमक ही सही माना जाता है जबकि नूडल्स में इसकी मात्रा 821 मिलीग्राम पाई गई है। केवल पांच प्रमुख नूडल्स कंपनियां ही पैकेट पर नमक की मात्रा को दर्शाती हैं।
-100 ग्राम पैकेट में 13 प्रतिशत वसा की जगह इसकी मात्रा 17 से 18 प्रतिशत पाई गई।
-मानक के अनुसार नूडल्स में सात प्रतिशत आयरन होना चाहिए, जबकि यह 2.5 से 2.6 प्रतिशत पाया गया।
-पैंकिंग के बाद नूडल्स को 6 से 12 महीने तक ही प्रयोग में लाना सुरक्षित होता है।
कैसे है सेहत के लिए बुरा
-नमक की ज्यादा मात्रा ब्लड प्रेशर बढ़ाती है। इससे भविष्य में बच्चे दिल के रोगी सकते हैं।
-फाइबर की कम मात्रा कोलाइटिस की वजह बन सकती है।
-नूडल्स में मौजूद प्रिजरवेटिव स्वभाव को चिड़चिड़ा बनाते हैं।
-अधिक नमक के इस्तेमाल के चलते माइग्रेन भी हो सकता है।
यू हुआ अध्ययन
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (पैकिंग ऐंड लेबलिंग) 2011 के आधार पर 15 कंपनियों से नूडल्स के नमूनेलिए गए। इसमें पैकिंग पर लिखी जानकारी और नूडल्स में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व आयरन आदि की जांच की गई, जिसमें कई खामियां पाई गईं।
महीने में कभी कभार चलेगा
नायर हॉस्पिटल की डायटिशन डॉ. सलोमी बेनजामिन कहती हैं, तेज भूख लगने पर कभी भी फास्ट फूड या नूडल्सआदि को विकल्प नहीं बनाना चाहिए। महीने में एक बार टेस्ट चेंज के लिए आप चाहे तो नूडल्स का सेवन कर सकतेहैं लेकिन इसे आदत कभी नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि नूडल्स में पौष्टिक तत्व बेहद कम होते हैं इसलिए केवलसब्जियां, सोयाबीन और मटर के साथ खाना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए खास नुकसान
नूडल्स के पैकेट में मौजूद मसालों में एक प्रमुख आईएनएस 621 या मोनो सोडियम ग्लूकामेट पाया जाता है। यहसुरक्षित रसायन गर्भस्थ शिशु में मस्तिष्क संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। गर्भवती महिलाओं को नूडल्स खाने सेपहले पैकेट में मौजूद आईएनएस 621 की जांच कर लेनी चाहिए।

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