नई दिल्ली। 13 जुलाई को स्टील अथॉरिटी आॅफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) और नेशनल स्किल डिवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) ने इस्पात क्षेत्र में कौशल विकास के लिए लोदी रोड स्थित सेल इस्पात भवन में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता ज्ञापन कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडी) तथा इस्पात मंत्रालय के बीच 10 जुलाई, 2015 को किए गए समझौता ज्ञापन के बाद किया गया। सेल और एनएसडीसी के बीच किए गए समझौते में तीन क्षेत्रों यथा सेल के आॅन रोल कामिर्कों का कौशल विकास, सेल में आॅफ रोल मानव संसाधन का कौशल विकास तथा स्थानीय युवाओं को रोजगारपरक भविष्य प्रदान करने एवं उन्हें जीविकोपार्जन लायक बनाने के लिए कौशल विकास को शामिल किया गया है। Read More
इस समझौते में उपरोक्त पहलों को बल प्रदान करने के लिए पाँच महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गयी है, जिसमें शामिल हैं – भिलाई, बोकारो, राउरकेला और दुर्गापुर में कौशल विकास केंद्र (एसडीसी), बनर्पुर स्थित इस्को स्टील प्लांट के पास लौह और इस्पात के लिए कौशल विकास उत्कृष्टता केंद्र, कार्यबल के पूर्व लर्निंग को प्रमाणित और मान्यता प्रदान करने प्रणाली, सेल प्रशिक्षण अवसंरचना को बेहतर बनाना और भारतीय लौह और इस्पात क्षेत्र कौशल परिषद द्वारा विकसित गुणवत्ता संकुलों/राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों के साथ जोड़ना और अंतत: स्थानीय युवाओं को रोजगारपरक बनाने के लिए नवोदित कौशल का विकास।
सेल और एनएसडीसी के बीच हस्ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन, सेल संयंत्रों के आस-पास कौशल विकास पहलों को सहयोग और सहायता प्रदान करने के लिए किया गया है। यह क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन की जरूरतें पूरी करने और औद्योगिक वातावरण के निर्माण के विकास के लिए किया गया है। इस्पात क्षेत्र में मौजूदा समय में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे हाइड्रालिक्स, इलेक्ट्रिक्स, आॅटोमेशन, बेअरिंग इत्यादि में कुशल मानव संसाधन की कमी है। इसके साथ ही सामान्य इंजीनियरिंग कौशल में भी जैसे वेल्डिंग, प्लंबिंग, फिटिंग, रिगिंग इत्यादि में भी कुशल मानव संसाधन की कमी है।
ऊपर दिए गए प्रत्येक पहलों के लिए कार्यक्षेत्रों का विवरण, भूमिकाएँं और दायित्व, वित्तीय निर्वहन, पूंजी स्त्रोत, कार्यान्वयन के निगरानी तंत्र इत्यादि विशिष्ट साधनों के लिए अलग से कार्य किया जाना है।