• Sat. Apr 27th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

बीएसआर ने बदली चिकित्सा की सूरत

Jul 2, 2015

Dr M K Khandujaभिलाई। एक चिकित्सक के रूप में काम करते हुए मैंने एक सपना देखा था – एक ऐसे चिकित्सा प्रकल्प का जहां विश्व की श्रेष्ठ सुविधाएं हों, श्रेष्ठ चिकित्सक हों और निपुण तकनीशियन, नर्स और पैरामेडिक्स की टीम। आज वह सपना साकार हुआ है बीएसआर हेल्थ केयर ग्रुप के रूप में, पर इसे आगे ले जाने के लिए सबके सहयोग की जरूरत है। सबके सहयोग से ही बीएसआर आगे बढ़ेगा। बीएसआर हेल्थ केयर ग्रुप ने सम्पूर्ण मध्यभारत में चिकित्सा की सूरत बदल दी है। विश्व स्तरीय डायग्नोस्टिक्स के साथ साथ बीएसआर ग्रुप सुपरस्पेशलिटी हेल्थ केयर सर्विस उपलब्ध कराता है। Read More
उक्त उद्गार बीएसआर ग्रुप के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ एमके खण्डूजा ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर अपोलो बीएसआर अस्पताल के कांफ्रेंस हाल में आयोजित समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने एक विद्यार्थी से चिकित्सक एवं चिकित्सक से चिकित्सा सेवा प्रदाता के रूप में अपने सफर की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अपने आरंभिक दिनों में वे भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 स्थित मुख्य चिकित्सालय में बतौर शिशु रोग विशेषज्ञ काम करते रहे किन्तु उनके मन-मस्तिष्क में यह बात घर करती रही कि एक दिन एक ऐसा संस्थान बनाना होगा जो चिकित्सा सेवाओं का पर्याय बन सके। एक ऐसी संस्था जो उनके साथ-साथ सैकड़ों अन्य लोगों का सपना पूरा कर सके। इसी सोच के साथ उन्होंने धीरे-धीरे समान विचार के लोगों को जोड़ना शुरू किया और बीएसआर ग्रुप की स्थापना की। यह एक निरंतर बढ़ता प्रकल्प है जिसमें समर्पित चिकित्सकों, टेक्नीशियन्स और अन्य सहयोगियों की जरूरत बनी रहेगी। उन्होंने उपस्थित विशेषज्ञों का आह्वान किया कि वे इस प्रकल्प को आगे ले जाने में उनके साथ चलें ताकि लोगों को उच्चतर विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।
उल्लेखनीय है कि बीएसआर हेल्थ केयर ग्रुप तीन अस्पतालों एवं 32 से अधिक डायग्नोस्टिक सर्विसेस के साथ आज छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा एवं झारखंड का सबसे बड़ा सुपरस्पेशालिटी ग्रुप है।

चिकित्सा विज्ञान है पर अंकगणित नहीं
Dr A P Sawantअपोलो बीएसआर के चिकित्सा निदेशक डॉ एपी सावंत ने कहा कि डॉ बिधान चंद्र राय की याद में चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। वे पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री बने। एफआरसीएस डॉ राय राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक प्रखर चिन्तक, समाजसेवी और चिकित्सा के प्रति पूरी तरह समर्पित व्यक्ति थे। आज के परिप्रेक्ष्य में चिकित्सा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज चिकित्सकों या अस्पतालों पर चाहे जितने भी हमले हों, हकीकत यही है कि आज भी चिकित्सक अपने ज्ञान और क्षमता का पूरा-पूरा उपयोग अपने मरीज को बचाने के लिए करता है। सौ में से निन्यानवे मामलों में मरीज पूर्ण संतुष्टि के साथ डाक्टर को सौ-सौ दुआएं देता हुआ जाता है पर उनका कहीं उल्लेख नहीं होता। एक फीसदी या उससे भी कम मामलों में केस बिगड़ जाता है तो बातें बनाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि अकेला चिकित्सक ही ऐसा है जो पूरे धैर्य के साथ इसे अपने भीतर जज्ब कर लेता है।
उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों का आह्वान किया कि वे मरीज के साथ निरंतर संवाद बनाए रखें तथा उन्हें उनकी वास्तविक स्थिति से अवगत कराते रहें। इससे एक तरफ जहां गलतफहमियां और हंगामे की संभावना कम होगी वहीं ठीक होने के बाद मरीज को चिकित्सा की गुणवत्ता का अहसास भी होगा। उन्होंने कहा, हमेशा याद रखें कि चिकित्सा एक विज्ञान है पर अंकगणित नहीं। यहां दो और दो का जोड़ हमेशा चार नहीं होता। हम पूरी कोशिश करते हैं किन्तु नतीजा हमेशा हमारे हक में हो यह जरूरी नहीं होता। पर हमें अपना धैर्य नहीं खोना है और निरंतर बेहतर से बेहतर करने का प्रयास करते रहना है।
गारंटी नहीं दे सकता डाक्टर
prashant naiduअपोलो बीएसआर के अधिशासी निदेशक प्रशांत नायडू ने इस अवसर पर कहा कि एक चिकित्सक अपनी शिक्षा और अनुभव का पूरा निचोड़ एक मरीज को ठीक करने के लिए लगा देता है। अन्य पेशेवर जिनमें वकील, आकिर्टेक्ट या इंजीनियर शामिल हैं, यही करते हैं। पर इनमें से अकेले डाक्टर से ही यह उम्मीद की जाती है कि वह नतीजों की गारंटी दे। डाक्टर के सेवा प्रदाता और मरीज के उपभोक्ता बन जाने के बाद दोनों के बीच के रिश्ते भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके चिकित्सक और चिकित्सा सेवा से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति पूरी ईमानदारी से अपना कर रहा है। मरीज के उपभोक्ता बनने से मरीज और डाक्टर के बीच का विश्वास का रिश्ता प्रभावित हुआ है और यह आगे और भी खराब हो सकता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक की भूमिका एक गोलकीपर की तरह है। लोग यह तो याद रखते हैं कि वह कितने गोल खाया पर यह किसी को याद नहीं रहता कि उसने कितने गोल बचाए।
इस अवसर पर डॉ दिलीप रत्नानी, डॉ जय तिवारी, डॉ रतन तिवारी, आदि ने बतौर चिकित्सक अपने पेशे पर पूर्ण संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सेवा का पेशा है। हमें खुशी है कि हम रोगियों की सेवा कर पाते हैं। जब कोई मरीज ठीक होकर जाता है तो हम अपने प्रयासों पर गर्व करते हैं।
कार्यक्रम का संचालन अपोलो बीएसआर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ पाथर्सारथी गोस्वामी ने की। इस अवसर पर डॉ दिलीप रत्नानी, डॉ निमिष राय, डॉ पंकज ओमर, डॉ नरेश कृष्णानी, डॉ विजय वच्छानी, डॉ सौरभ शिरगुप्पे, डॉ जय तिवारी, डॉ रतन तिवारी, डॉ हिमांशु गुप्ता, डॉ अमित बैंगानी सहित सभी चिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित थे। अंत में केक काटकर सभी चिकित्सकों ने एक दूसरे को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की बधाई दी।

Leave a Reply