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सदाबहार है मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच

Aug 5, 2015

mechanical engineeringभिलाई। मैकेनिकल इंजीनियरिंग को विभिन्न तकनीकी तथा औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिये ड्राइविंग फोर्स के रूप में देखा जाता है। इनमें आधुनिक युग में प्रयुक्त होने वाले नव-निर्मित उत्पाद जैसे मोबाइल, पर्सनल कम्प्यूटर, तथा डीवीडी भी शामिल हैं। एक मैकेनिकल इंजीनियर का कार्य पूर्णतया चुनौतियों तथा आत्म-संतुष्टि से भरा होता है। एक सफल मैकेनिकल इंजीनियर के लिये आईटी, डिजाइन तथा विश्लेषण में दक्षता प्राप्त होने के साथ-साथ एक टीम मेम्बर के रूप में कार्य करने की क्षमता का होना आवश्यक है क्योंकि किसी भी उत्पाद के उत्पादन की विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरते समय सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग या आईटी इंजीनियरिंग से संबंधित विशेषज्ञों की सलाह की आवश्यकता होती है तथा उत्पाद की गुणवत्ता संयुक्त प्रयास द्वारा ही उत्कृष्ट की जा सकती है। Read More
आधुनिक युग में कॉस्ट कंट्रोल को विभिन्न उद्योगों में अत्यधिक महत्व दिया गया है। मैकेनिकल इंजीनियर अपनी इन सभी योग्यताओं के समन्वय से ही उत्पाद के कम लागत में अधिक उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त कर उद्योग को अपने प्रयासों से अधिक मुनाफा दिलाने में सफल हो सकता है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग का क्षेत्र अन्य उपलब्ध सभी इंजीनियरिंग ब्रांचों के अपेक्षाकृत विस्तृत रूप में होता है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत मुख्यत: उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न यंत्रों, मशीनों तथा अन्य यांत्रिकी उपकरणों की डिजाइनिंग तथा उत्पादन आता है। विभिन्न उद्योगों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने हेतु बहुत सी संभावनाएँ होती हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में उद्योगों से संबंधित सभी प्रकार की मशीनरी उनके मैकेनिज़्म तथा फंक्शनिंग का ध्यान रखा जाता है। इसके अंतर्गत डिजाइन, डेवलपमेन्ट, कंस्ट्रक्शन, प्रोडक्शन, इंस्टॉलेशन, आॅपरेशन तथा मेन्टेनेन्स आदि प्रमुख विभाग होते हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत विशाल आकार के स्टीम और गैस टर्बाइन्स, थरमल पावर स्टेशन हेतु प्रयुक्त मशीनों के पुर्जे, इंटरनल कम्बक्शन इंजन, जेट इंजन, मशीन-टूल्स, एयर कंडीशनर तथा हीटींग मशीन, रेफ्रिजरेटर का डिजाइनिंग और निर्माण किया जाता है। इसके अलावा इनमें लगने वाले विभिन्न कल-पुर्जों का निर्माण तथा विकास भी किया जाता है।
मैकेनिकल इंजीनियर बनने के लिये युवाओं को मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई या एमई की डिग्री प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त मैकेनिकल इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल करने के इच्छुक युवाओं के लिये थर्मल इंजीनियरिंग, डिजाइन तथा प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में दक्षता की संभावनाएँ हैं। मैकेनिकल इंजीनियर की प्राय: टेक्नालॉजी से संबंधित सभी क्षेत्रों में आवश्यकता होती है। मुख्यत: मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के अलावा सरकारी या पब्लिक व प्रायवेट सेक्टर में प्रशासनिक एवं प्रबंधकीय पदों पर कार्य हेतु मैकेनिकल इंजीनियरों के लिये अच्छे रोजगार के अवसर उपलब्ध हंै।
अध्यापन क्षेत्र में रूचि रखने वाले युवाओं के लिये इंजीनियरिंग एजुकेशन प्रदान करने वाले कॉलेजों तथा रिसर्च के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएँ हैं। इस ब्रांच के शिक्षित व्यक्ति के लिये एक कहावत है कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया हुआ व्यक्ति कभी भी भूखे पेट नहीं सोता है। इसका सीधा कारण है कि इस ब्रांच से इंजीनियरिंग किये हुए व्यक्ति के लिये स्व-रोजगार की भी असीम संभावनायें हैं। स्वयं का वकर्शाॅप, फैब्रिकेशन आदि यूनिट स्थापित कर अपनी रोजी-रोटी का प्रबंध आप ही कर सकता है।
एक्सपर्ट व्यू
मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच सदाबहार ब्रांच कहलाती है उद्योगों में मंदी के दौर में भी रोजगार सेक्टर में मैकेनिकल इंजीनियर्स की मांग पर कोई फर्क नहीं पड़ता अर्थात यह एक रिसेशन फ्री ब्रांच है। भारत में इस्पात का उत्पादन करने वाले उद्योगों की अधिकता है तथा इस्पात उत्पादन हेतु आवश्यक मूल-भूत सुविधाओं को जुटाने में मैकेनिकल इंजीनियरिंग का अहम् योगदान होता है। यदि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी देखा जाये तो फील्ड वर्क से जुड़े होने की वजह से मैकेनिकल इंजीनियर्स अन्य ब्रांच के इंजीनियर्स की तुलना में मानसिक तथा शारीरिक रूप से भी अधिक स्वस्थ तथा सक्षम होते हैं।
डॉ. राकेश हिमटे
हेड – डिपार्टमेंट आॅफ मेकेनिकल इंजीनियरिंग
रूंगटा कॉलेज आॅफ इंजी. एण्ड टेक्नालॉजी, भिलाई

RCET Sonal Rungtaटॉप पर है मैकानिकल का क्रेज
हर वर्ष की बीई की एडमिशन्स में मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच का युवाओं में भारी क्रेज देखा जाता है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विस्तृत क्षेत्र को देखते हुए इस क्षेत्र का कैरियर हेतु चुनाव करने वाले युवाओं को अधिक से अधिक परिश्रम द्वारा तकनीकी ज्ञान अर्जित कर स्वयं को पूर्ण रूप से दक्ष बनाने की आवश्यकता होती है ताकि भविष्य की किसी भी चुनौती का सामना करने में वे अपने आपको सक्षम पा सकें। हमारे भिलाई तथा रायपुर में संचालित इंजीनियरिंग कॉलेजों के बीई मैकेनिकल ब्रांच के स्टूडेंट्स के विगत वर्षों में हुए कैम्पस सिलेक्शन के लिये देश की विभिन्न सेक्टर्स की कंपनियों ने रूचि दिखाई तथा स्टूडेंट्स का सिलेक्शन किया। कुल मिलाकर इस ब्रांच के स्टूडेंट्स का रोजगार की दृष्टि से भविष्य उज्जवल है।
सोनल रूंगटा, डायरेक्टर एफ एण्ड ए
संतोष रूंगटा ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स,
भिलाई-रायपुर

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