भिलाई (यश ओबेरॉय)। हुडको में गणेशोत्सव के दौरान एक साथ 6 सगी बहनों को भजन गाते देख बेहद आशचर्य और सुखद अनुभूति भी हुई। सारी बहनें प्रतिभा सम्प्पन है। सुरीली आवाज में हिंदी व छत्तीसगढ़ी में भजन और गीत गाती है। हारमोनियम, बेन्जो, तबला, ढोलक, बांसुरी, झांझर जैसे सारे वाद्य यंत्रों में निपूण है। राजनांदगांव की यह 6 सगी बहने इस बात का सबूत हैं कि छत्तीसगढ़ में बेटे की चाह हो सकती है किन्तु यहां कन्या भ्रूण हत्या नहीं की जाती। ये सभी बेटियां अपने परिवार की कमाऊ सदस्य हैं। मंच पर एक जैसे परिधान में वो हम उम्र लग रहीं थी पर पता चला की सबसे छोटी 9 साल की और सबसे बड़ी 17 साल की है। यानी बेटे की चाह में परिवार तो बढ़ा पर बेटियों से उनका हक नहीं छीना गया।