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गरीबों की भी चिंता करें अस्पताल : पाण्डेय

May 7, 2016

sparsh-multispeciality-hospराजस्व मंत्री ने किया स्पर्श में कैथ लैब का उद्घाटन
भिलाई। राजस्व, उच्च शिक्षा, आपदा एवं पुनर्वास मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने आज कहा कि अस्पताल और स्कूल अपने सामाजिक सरोकारों को न भूलें। व्यवसाय अपनी जगह है किन्तु वंचित समाज भी हमारी ही जिम्मेदारी है। श्री पाण्डेय यहां स्पर्श मल्टी-स्पेशालिटी अस्पताल में फ्लैट पैनल कार्डियक कैथ लैब का शुभारंभ करने के बाद समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एजुकेशन हब में शिक्षा और स्वास्थ्य तेजी से विकसित हो रहा है किन्तु ऐसे मामले भी लगातार सामने आते रहते हैं जब अस्पताल गरीबों के शव कुछ रुपयों के लिए रोक लेते हैं।  Read More
sparsh-multispecialityश्री पाण्डेय ने कहा कि डाक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वे लोगों की जिन्दगियां बचाते हैं। स्पर्श अस्पताल इस अंचल में अच्छा काम कर रहा है। अंचल को स्पर्श जैसे और भी अस्पतालों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज देश में एक से बढ़कर एक डाक्टर बन रहे हैं किन्तु वे या तो मेट्रो की तरफ भागते हैं या फिर सीधे विदेश चले जाते हैं। इधर गांव और कस्बों में डाक्टर नहीं होने के कारण गरीबों को भारी कष्ट का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मल्टी स्पेशालिटी अस्पताल चलाना कोई आसान काम नहीं है। अच्छा डाक्टर होना और अच्छे डाक्टरों के साथ मिलकर काम करना अलग अलग बाते हैं। स्पर्श की टीम इस काम को अच्छे से कर रही है, इस बात की मुझे खुशी है। मैं चाहूंगा कि अस्पताल गरीबों एवं वंचित तबके के लोगों के प्रति सहानुभूति पूर्वक रवैया रखे।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ जयराम अय्यर ने कहा कि कुछ वर्षों तक मैं शहर से बाहर  था किन्तु जब यहां कई डाक्टरों को एक साथ काम करते देखा तो लौट आया। मेरे नाम, पहनावे और बातचीत से लग सकता है कि मैं तमिलनाडू का हूं किन्तु यहां मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मैं छत्तीसगढ़ के टुरा हौं। मैंने रायगढ़ के एक स्कूल में पढ़ा और फिर किरोड़ीमल महाविद्यालय से बीएससी किया। मुझे छत्तीसगढ़ और यहां के लोगों से बहुत प्रेम है। उन्होंने कहा कि समय तेजी से बदल रहा है। अब युवाओं में भी दिल की बीमारियां हो रही है। दिल की बीमारी के मामले में तत्काल चिकित्सकीय मदद की जरूरत होती है। इस लिहाज से कैथ लैब का यहां आना एक बड़ी उपलब्धि है। जल्द ही यहां ओपन हार्ट और बाइपास सर्जरी की भी सुविधा देंगे।
पूर्व महापौर एवं न्यूरोसर्जन डॉ एसके तमेर ने कहा कि स्पर्श के एमडी डॉ रंजन बोपर्डीकर और छत्तीसगढ़ के माटीपुत्र डॉ जयराम अय्यर ने इतने अच्छे अस्पताल की सौगात अपने शहर को दी। इस अस्पताल का शुभारंभ स्वयं मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य की उपस्थिति में किया था। उन सब का आशीर्वाद इस अस्पताल को और आगे ले जाएगा। पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि एक समय था जब हृदय रोगी के आने पर हम कुछ भी करने की स्थिति में नहीं होते थे। पर आज हमने काफी तरक्की कर ली है। पहले बड़े लोग हवाई जहाज से बड़े शहरों में चले जाते थे पर जो ऐसा नहीं कर पाते थे उनकी अकाल मृत्यु हो जाती थी। अब यह स्थिति नहीं है। हम स्थानीय तौर पर ही सारी सुविधाएं विकसित कर पा रहे हैं और स्पर्श अस्पताल इसमें अग्रणी है।
Prem prakash pandeyअस्पताल के एमडी डॉ रंजन बोपर्डीकर ने कहा कि आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। हमने 25 फरवरी 2014 को इस अस्पताल को प्रारंभ किया और समुचित सुविधाएं विकसित करते रहे। डाक्टरों, सपोर्टिंग स्टाफ और मरीजों की संतुष्टि हमें इस पड़ाव तक ले आई है। पर अस्पताल को आज भी संजीवनी कोष की मदद नहीं मिल पाती है। उन्होंने मुख्य अतिथि से आग्रह किया कि वे संजीवनी के लिए अस्पताल को मान्यता दिलाने के लिए मदद करें।
इस अवसर पर डॉ एमएस मदान, श्रीमती तमेर, बिसराराम यादव, विजय गुप्ता, अशोक सूरी, रिकेश सेन, राकेश अरोरा, रामानंद मौर्या, महेश वर्मा, आनंद त्रिपाठी, संतोष गोलछा, दिनेश सिंह सहित अनेक चिकित्सक एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
इसलिए नहीं पढ़ा बायोलॉजी
उन्होंने कहा कि अपने विद्यार्थी जीवन में जब उन्हें विषय चुनना पड़ा तो उन्होंने बायलॉजी छोड़कर गणित को चुना। अस्पताल के नाम से ही डर लगता था। कंप कंपी होने लगती थी। इससे तो गणित अच्छा कि सवाल करो और सवाल का जवाब भी लो। इस बार जब मुख्यमंत्री ने मुझसे मंत्रालय चुनने को कहा तो मैंने साफ कह दिया था कि स्वास्थ्य को छोड़कर कोई भी मंत्रालय चलेगा।

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