• Sun. Apr 28th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हैं छात्राएं : डॉ मधु

Sep 20, 2016

साईंस कालेज में विशेष स्वास्थ्य परामर्श व्याख्यान
dr-madhuदुर्ग। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही ही छात्राओं की मुख्य समस्या है। छात्राओं को अपने शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों के प्रति गंभीर रहते हुये पालकों, अध्यापकों एवं चिकित्सकों से सदैव विचार विमर्श कर अपनी परेशानियों को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिये। ये उद्गार शासकीय चिकित्सालय, सुपेला की प्रसिध्द महिला चिकित्सक डॉ. मधु श्रीवास्तव ने शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में व्यक्त किये। science-college-durg-studenडॉ. श्रीवास्तव महाविद्यालय के रवीन्द्रनाथ टैगोर सभागार में आयोजित समय के साथ छात्राओं में शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन समस्याएं एवं परामर्श विषय पर बड़ी संख्या में उपस्थित छात्राओं को संबोधित कर रही थी।
डॉ. श्रीवास्तव ने किशोरावस्था एवं युवावस्था के संधिकाल को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए छात्राओं को सलाह दी कि हमारे मानसिक एवं शारीरिक परिवर्तन कोई गंभीर बिमारी नहीं बल्कि एक सामान्य प्राकृतिक शारीरिक विकास की प्रक्रिया है। इससे हमारी युवा छात्राओं को कभी भी भयभीत न होकर इस पर खुला विचार-विमर्श करना चाहिए।
युवावस्था के दौरान पढ़ाई का बोझ एवं अन्य सामाजिक बंधनों के कारण कई बार छात्राओं को मानसिक एवं शारीरिक रूप से तनाव से गुजरना होता है। इस तनाव का सीधा असर हमारे शारीरिक एवं मानसिक विकास पर पड़ता है। छात्राओं को होने वाली शारीरिक आतंरिक परेशानियां को झिझक के कारण वे किसी से विचार-विमर्श नहीं करती और परेशानियों का सामना करती रहती है। कालांतर में यही छोटी-छोटी परेशानियां गंभीर बिमारियों का रूप धारण कर लेती है तथा कई बार युवतियों में भी गर्भाशय अथवा बे्रस्ट कैंसर जैसी बिमारियां देखने को मिलती है। हमारी छोटी सी लापरवाही स्वयं के लिए घातक सिध्द होती है।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ. कल्पना अग्रवाल ने आरंभ में आमंत्रित व्याख्यान के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए छात्राओं की युवावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों का विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने उपस्थित छात्राओं से अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को निराकरण करने का आग्रह भी किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.के. राजपूत ने स्त्री रोग संबंधी जानकारी पर आधारित आमंत्रित व्याख्यान के आयोजन को छात्राओं हेतु अत्यंत लाभप्रद बताते हुए छात्राओं से प्रश्न पूछकर शंकाओं का समाधान करने का आग्रह किया। डॉ. राजपूत ने जानकारी दी कि महाविद्यालय प्रशासन द्वारा सितम्बर माह में छात्राओं के आत्म रक्षा हेतु एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभाग की डॉ. शाहीन गनी ने किया। डॉ. मधु श्रीवास्तव के आमंत्रित व्याख्यान के पश्चात् छात्राओं ने अनेक प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया तथा इस प्रकार के आयोजन हेतु महाविद्यालय प्रशासन को धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. कल्पना अग्रवाल, डॉ. शाहीन गनी, डॉ. अंशुमाला चन्दनगर, डॉ. मौसमी डे, डॉ. सीतेश्वरी चन्द्राकर, डॉ. मीता चक्रवर्ती, डॉ. सुचित्रा शर्मा, डॉ. अनिता शुक्ला, डॉ. प्रशान्त श्रीवास्तव का उल्लेखनीय योगदान रहा।

Leave a Reply