रायपुर। 12 साल की साक्षी को एक अजीब बीमारी ने जकड़ रखा है। इलाज का बस इतना ही असर है कि वह जीवित है। डाक्टर बताते हैं कि अगर इलाज रोक दिया तो उसकी रीढ़ की हड्डी पसलियों को तोड़कर दिल तक जा पहुंचेगी। गुढिय़ारी निवासी साक्षी गजभिए का शरीर आकार बदल रहा है। सिर बड़ा हो रहा है। कूल्हे अपनी जगह बदल रहे हैं। रीढ़ टेढ़ी हो रही है। साक्षी के पिता की मृत्यु हो चुकी है। उसकी मां प्रतिमा 4000 रुपए माहवारी पर आंगनबाड़़ी कार्यकर्ता हैं। जमा पूंजी खर्च हो चुकी है। बेटी को लेकर वे रायपुर के प्रत्येक अस्पताल के चक्कर लगा चुकी हैं। मेडिकल कालेज और एम्स के डाक्टर भी उन्हें कोई आश्वासन नहीं दे पाए हैं।बेटी बचाने की जद्दोजहद : प्रतिमा वर्ष 2006 में मां बनी। जब सीजेरियन से प्रसव हुआ तो बच्ची के शरीर में विकृतियां थीं। भिलाई, रायपुर, जबलपुर, भोपाल, दिल्ली तक जाकर बच्चे के इलाज की कोशिश की लेकिन कहीं सफलता नहीं मिली। पति सुरेश ने अपनी सारी कमाई बेटी के इलाज में फूंक दी। कर्ज लेकर इलाज कराते रहे। शहर-शहर घूमती प्रतिमा और उनके पति सुरेश गजभिए मायूस हो गए। परेशान सुरेश बीमार रहने लगे। फिर पीलिया ने उनकी जान ले ली। प्रतिमा ने बताया कि पति के जाने के बाद घर-परिवार के लोगों ने भी मुंह मोड़ लिया।
बस इतनी मिली सरकारी मदद : किसी की सलाह पर प्रतिमा वेल्लूर गई। डॉक्टरों ने चार लाख रुपए इलाज के और एक महीने रहने की व्यवस्था के साथ आने के लिए कहा। वह स्थानीय विधायक और मंत्री राजेश मूणत से मिली, लेकिन उनकी ओर से इलाज के लिए केवल तीन हजार रुपए मिल पाए।