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मुझे गांव में पैदा होने का गर्व : डॉ. रमन

Feb 11, 2017

raman-singh-damakhedaरायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुझे गांव में पैदा होने पर गर्व है। हम सबमें अपने गांवों के प्रति जुड़ाव होना चाहिए। शराबबंदी की दिशा में हमारे प्रयास लगातार जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री माघ-पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार दोपहर राज्य में स्थित कबीर पंथ के प्रमुख आस्था केन्द्र दामाखेड़ा में छह दिवसीय संत-समागम के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर कबीरपंथ के प्रमुख श्री प्रकाश मुनि नाम साहब का आशीर्वाद भी ग्रहण किया।संत-समागम में हजारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं और संत-महात्माओं को सम्बोधित करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा – छह सौ वर्ष का लम्बा समय गुजर जाने के बावजूद संत कबीर के विचार आज भी सबके लिए प्रासंगिक और प्रेरणा दायक हैं। डॉ. सिंह ने कहा – संत कबीर सत्य के उपासक थे। उन्होंने सभी धर्मों के पाखंड को उजागर किया और अपने विचारों से तथा अपनी वाणी से तत्कालीन समय के राजाओं और बादशाहों को भी चुनौती दी, किसी को भी नही बख्शा। सबको सच्चाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी। डॉ. सिंह ने कहा – संत कबीर ने तत्कालीन समाज में व्याप्त धार्मिक-सामाजिक विसंगतियों, छुआछूत और भेदभाव पर अपनी वाणी से तीखे प्रहार किए। लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उनकी वाणी में सबको भावनात्मक रूप से बांध लेने की ताकत थी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दामाखेड़ा में तीन करोड़ रूपए से ज्यादा के विभिन्न पूर्ण हो चुके निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया, जिनमें एक करोड़ 46 लाख रूपए की लागत से निर्मित व्यावसायिक परिसर, 95 लाख 35 हजार रूपए की लागत से निर्मित शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन, 31 लाख रूपए की लागत से बने मिनी स्टेडियम, 22 लाख 48 हजार रूपए की लागत से निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन और 19 लाख 39 हजार रूपए की लागत से निर्मित अटल समरसता भवन शामिल हैं। डॉ. रमन सिंह ने दामाखेड़ा के दो ऐतिहासिक तालाबों – हीरासागर और दयासागर के विकास के लिए एक करोड़ 40 लाख रूपए मंजूर करने की भी घोषणा की और कहा कि दोनों तालाबों का विकास छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा किया जाएगा। उन्होंने दोनों तालाबों का रजिस्ट्री पत्र श्री प्रकाशमुनि नाम साहेब को सौंपा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रारंभ में दोनों तालाबों के जीर्णोद्धार और विकास के कार्य शुरू करने के लिए राज्य शासन द्वारा 25 लाख रूपए दिए जाएंगे।
संत-समागम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा – छत्तीसगढ़ में दामाखेड़ा संत कबीर की वाणी का प्रमुख केन्द्र बिन्दु है। उनके विचारों को आगे बढ़ाने और जन-जन तक पहुंचाने का काम यहां श्री प्रकाशमुनि नाम साहेब के नेतृत्व में हो रहा है। डॉ. सिंह ने संत-समागम में छत्तीसगढ़ सहित देश-विदेश से हजारों की संख्या में आए कबीरपंथ के अनुयायियों और संत-महात्माओं का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजीवन में संत कबीर के विचारों को गहरा प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। संत कबीर ने पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि प्रत्येक मनुष्य के खून का रंग लाल है, इसलिए दुनिया के सभी मनुष्य एक हैं।
डॉ. सिंह ने संत-समागम के आयोजन की प्रशंसा की और कहा कि संत-महात्माओं के आशीर्वाद से ही व्यक्ति, समाज, राज्य और देश की तरक्की होती है। उन्होंने कहा – संत-महात्माओं के आशीर्वाद से जनता ने मुझे पार्षद से विधायक, सांसद और केन्द्रीय मंत्री बनाया। लगातार तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेशवासियों की सेवा का अवसर मिला। डॉ. सिंह ने कहा छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के सभी क्षेत्रों और सभी लोगों की तरक्की और खुशहाली के लिए काम कर रही है। संत समागम को विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री दयालदास बघेल और विधायक शिवरतन शर्मा ने भी सम्बोधित किया।

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