हैदराबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका के हैदराबाद आने से पहले पुलिस शहर से भिखारियों को हटा रही थी। इस दौरान उसने कुछ ऐसी महिला भिखारियों को भी पकड़ा जो कि शानदार अमेरिकी एक्सेंट के साथ अंग्रेजी बोल रही थीं। इनमें से एक ग्रीन कार्ड होल्डर थी जबकि दूसरी महिला वहां एक मल्टीनेशनल में काम करती थी। उन्हें भीख मांगने की सलाह दरगाह से मिली थी। डिफेंस कॉलोनी की रहने वाली दूसरी महिला राबिया बसीरा जेल लाए जाने पर जेल अधिकारियों से ही लड़ पड़ी थी। राबिया का दावा है कि वह ग्रीन कार्ड होल्डर है और हैदराबाद में उसकी बड़ी जमीन-जायदाद है। उसके भाइयों ने उसे जमीन से बेदखल कर दिया और भाइयों से संपत्ति के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते हुए अपना मानसिक संतुलन खो बैठी। वो भी दरगाह के बाहर मन की शांति के लिए भीख मांग रही थी।
बिजनेस स्टडीज में पोस्ट ग्रेजुएट व लंदन में बतौर अकाउंटेंट काम कर चुकी फरजाना का बेटा अमेरिका में आर्किटेक्ट है। फरजाना कुछ साल पहले भारत आई है। उसका हैदराबाद के पॉश इलाके आनंदबाग में अपार्टमेंट है और पति की मौत के बाद बीते कुछ वर्षों से वो मानसिक रूप से बीमार है। एक बाबा के कहने पर वह दरगाह में भीख मांग रही थी।
दरगाह के सूत्रों की मानें तो पापों के प्रायश्चित्त से लेकर असहनीय दुख और पीड़ा को भुलाने के लिए भीख मांग कर गुजारा करना एक बेहतर उपाय है। इससे व्यक्ति खुदा के और पास चला जाता है और पूरी तरह से उसकी शरण में होता है।
जेल अधीक्षक के अर्जुन राव ने बताया कि हैदराबाद के लंगर हॉज दरगाह इलाके से 11 नवंबर को कुल 133 महिला भिखारियों को चेरालापल्ली जेल के आनंद आश्रम लाया गया था जबकि पुरुष भिखारियों को चंचलगुडा जेल पहुंचाया गया है।