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गांव के तालाब में तैराकी सीखकर जीते मेडल, अब मिली ऐसी सौगात

Nov 24, 2017

रायपुर। दुर्ग से 15 किलोमीटर दूर गांव पुरई के तैराकों की धमक अब देश-दुनिया में होगी। गांव के डोंगिया तालाब में तैराकी का अभ्यास कर शालेय नेशनल में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर यहां के लड़के ही नहीं, लड़कियों ने भी तैराकी में लोहा मनवाया है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) मुख्यालय दिल्ली ने भी अब इन तैराकों की सुधि ली है। दिल्ली से आदेश के बाद अब रायपुर साई की टीम 27 नवंबर को गांव में जाकर ट्रायल लेगी। रायपुर। दुर्ग से 15 किलोमीटर दूर गांव पुरई के तैराकों की धमक अब देश-दुनिया में होगी। गांव के डोंगिया तालाब में तैराकी का अभ्यास कर शालेय नेशनल में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर यहां के लड़के ही नहीं, लड़कियों ने भी तैराकी में लोहा मनवाया है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) मुख्यालय दिल्ली ने भी अब इन तैराकों की सुधि ली है। दिल्ली से आदेश के बाद अब रायपुर साई की टीम 27 नवंबर को गांव में जाकर ट्रायल लेगी। ट्रायल उसी तालाब में लिया जाएगा जिसमें लड़के तैराकी सीखते हैं। ट्रायल में लगभग 15 बच्चों का चयन किया जाएगा, जिन्हें देश के किसी भी साई सेंटर में बोर्डिंग कर उनकी तैयारी करवाई जाएगी। उनके रहने-खाने का पूरा खर्च साई देगा।
इन्होंने जीता नेशनल पदक
इस तालाब में तैरना सीखने के बाद अब तक ओम कुमार ओझा, निशा ओझा, संतोष कुमार ओझा, सुधा ओझा, डिलेश्वरी ओझा, यज्ञ कुमार ओझा, दीपक सिंह, गजेन्द्र साहू, रवि कुमार, प्रकाश गन्धर्व, केसरी पटेल, पीयूष देवांगन, तेजराम यादव, लीलाधर, लक्ष्मीकांत, गुलशन सिंह, रामजी साहू, जितेन्द्र सिंह, ईशु कुमार जैसे तमाम खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता है।
जिस तालाब में बच्चे तैराकी सीखते हैं, वह काफी गहरा है, जो सभी के लिए खतरनाक है। तैराकी सीखने के लिए बधाों के लिए नया तालाब खोदा जाएगा। वहीं कुछ बधाों को साई सेंटर दुर्ग में भी और बेहतर तरीके से सीखने की अनुमति दी गई है।
– उमेश अग्रवाल, कलेक्टर, दुर्ग

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