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कृष्णप्रिया कथक केन्द्र आया राष्ट्रीय मानचित्र पर : नेलसन

Dec 26, 2017

भिलाई। कृष्णप्रिया कथक केन्द्र आज राष्ट्रीय मानचित्र पर आ गया हैै। उक्त उद्गार प्रख्यात मूर्ति शिल्पकार पद्मश्री नेलसन ने पांच दिवसीय कृष्णप्रिया राष्ट्रीय अवार्ड समारोह के समापन सत्र को संबोधित करते हुए वक्य किए। पद्मश्री ने कहा, साधना उसी को कहते हैं कि हमारा काम बोले। हम कुछ ऐसा कर जाएं कि हमारी ख्याति दूर-दूर तक फैले और दुनियाभर के लोग खिंचे चले आएं।भिलाई। कृष्णप्रिया कथक केन्द्र आज राष्ट्रीय मानचित्र पर आ गया हैै। उक्त उद्गार प्रख्यात मूर्ति शिल्पकार पद्मश्री नेलसन ने पांच दिवसीय कृष्णप्रिया राष्ट्रीय अवार्ड समारोह के समापन सत्र को संबोधित करते हुए वक्य किए। पद्मश्री ने कहा, साधना उसी को कहते हैं कि हमारा काम बोले। हम कुछ ऐसा कर जाएं कि हमारी ख्याति दूर-दूर तक फैले और दुनियाभर के लोग खिंचे चले आएं। नेलसन ने कहा कि जब उन्होंने डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर बुद्ध की मूर्ति बनाई तो जापान से उनके पास लगातार न्यौता आना शुरू हो गया। उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली पर उन्होंने अपने ही स्थान पर रहकर कला की साधना जारी रखी। कृष्णप्रिया कथक केन्द्र की संचालिका उपासना तिवारी अपनी विधा की अनन्य साधक हैं। आज उनका टैलेंट बोल रहा है। देश के कोने कोने से शास्त्रीय नृत्य एवं संगीत के कलाकार आज भिलाई की पावन धरा पर आए और इस मंच पर अपनी प्रस्तुतियां दीं। इसकी सुरभि इसी तरह फैलती रहेगी और एक दिन विश्व के चोटी के कलाकार यहां अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इससे लघु भारत की मिट्टी धन्य हो जाएगी।प्रख्यात नृत्यगुरू पं. कृष्णमोहन महाराज ने कथक नृत्यांगना उपासना तिवारी की प्रतिभा की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने इस कला को यहां स्थापित करने के लिए कठिन प्रयास किए हैं। उनके प्रयासों में एक निरंतरता है जिसका सुफर हमें प्राप्त हो रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि भिलाई देश के कथक साधक केन्द्रों के मानचित्र पर एक चमकता नाम बन जाए और कृष्णप्रिया कथक केन्द्र उसकी धुरि हो। उन्होंने केन्द्र वह उसकी संचालिका उपासना तिवारी को सफल होने का आशीर्वाद दिया।
एसएनएसजी सेक्टर-4 के सभागार में हुए समापन समारोह में संगीत गुरू एसआर शेवलीकर व श्रीनारायण गुरू धर्मसमाजम समिति के वीके मुहम्मद सहित कई विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। कलाकारों के अलावा बड़ी संख्या में कला प्रेमी मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन रविंद्र कमर्कार ने दिया।
इसके पहले आखिरी सुबह व शाम कुछ चुनिंदा प्रस्तुतियां हुईं। शाम को एसएनजी सेक्टर-4 के सभागार में ग्रैंड गाला परफार्मेंस में पं. कृष्णमोहन मिश्र अपनी पत्नी वाश्वती मिश्र के साथ मौजूद थे। जहां पं. कृष्णमोहन मिश्र की बेटी इप्शिता और शिष्यगण मीनू गारू व डेनियन फ्रेडी ने मिल कर अपनी र्प्रस्तुति दी। वहीं दिन भर उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, असम,ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना व आंध्रप्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों के कलाकार अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियां दी।
इनका हुआ सम्मान
कला वैभव सम्मान में भरतनाट्यम में मेघा साहू, इशिका गुप्ता, सायंतिनी मजुमदार, आर्य कलमकर, के. ऐश्वर्या, देविका नायर, समाद्रिता गांगुली, देवांशी अग्रवाल, वंशिका ठाकुर, जे. गरिमा, प्रीष्टि भट्टाचायर्जी, झलक ताम्रकार, पूर्वा स्वामी, कीर्तम्मा रमेश देव, अनन्या मनोज पिल्लई व आत्रिका सिकदर शामिल हैं।
वहीं कथक सोलो सीनियर में प्रथम अनन्या गौर, द्वितीय एन. आकांक्षा, अनिशा शर्मा, तृतीय विनती खोब्रागड़े, वसुधा सिन्हा, ओपन सोलो में स्वीटी गुसाईं, कोमल खुशवानी, द्वितीय मोनिका गुप्ता, नेहा सालवी, प्रियंका पॉल, तृतीय कृपा श्रुति, अमृता श्यामलाल गुहा, अमित साखरे, अंजन मंडल, लवली रॉय, सीनियर डुएट में बी. हषिर्नी एवं इप्शिता गांगुली, ओपन युगल में द्वितीय नेहा साल्वी एवं कृपा श्रुति, समूह नृत्य में प्रथम प्रेमलु एंड ग्रुप, लावणी सब जूनियर में प्रथम पवि उमाकांत जोगी, द्वितीय मीताली पांडेय व तृतीय प्राची बहादुर, जूनियर ग्रुप में प्रथम सारिका हरिदास पंचभाई, द्वितीय साक्षी नागौरे, तृतीय वैदेही व स्नेहा, जूनियर युगल में प्रथम एस. पाटिल एव वैदेही, सीनियर में प्रथम वैशाली साखरकर, ओपन में विजयेंद्र पारोड़ी, द्वितीय गजानन व तृतीय गीता, कृष्णप्रिया अवार्ड के लिए जय व आकाश चयनित हुए।
इसी तरह भरतनाट्यम सब जूनियर में प्रथम श्रीशा सरकार व स्निग्धा सिंह, तृतीय जी. साईं व राधिका कौल, जूनियर में प्रथम सृष्टि मलिक, द्वितीय शर्मिष्ठा घोष व सिमरलीन कौर, सीनियर में खुशी जैन व सुमन, तृतीय लच्छी राजपूत, कुचिपुड़ी सब जूनियर में प्रथम वी. यामिनी राव, जूनियर में द्वितीय पी. उपाध्याय, सीनियर में द्वितीय वी. वैद्य रहे। कथक कला वैभव सम्मान में समीक्षा मिश्रा, दिवा सोंधी, गविर्ता दत्ता, गजानन केशव व संगीता ठाकुर को दिया गया। भरतनाट्यम में प्रथम सी. अलमेलु, द्वितीय जीएमएनएलवी साईं सौमय व आई भाविका, जूनियर में प्रथम आद्या नायर व एमटी मृणमयी,द्वितीय आशिका साहू व दीक्षिता व तृतीय आर. ऋतिका, बिशिता चक्रवर्ती व अनन्या घोष रहे। लावणी में कला वैभव सम्मान अनुष्का जोठे, भूमिका विजय मोदक,मंजरी सागर भुसारी, सारिका रवींद्र बुट्टे, नायर तामेश्वर कोहाले, जूनियर ग्रुप में लाइटनिंग दिवास का चयन किया गया।

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