भिलाई। शिक्षाविद् तथा मोटीवेटर डॉ. जवाहर सूरीशेट्टी ने कहा कि वर्तमान में सिलेबस द्वारा प्रदान की जा रही इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को 75 प्रतिशत थ्योरिटीकल तथा मात्र 25 प्रतिशत तकनीकी प्रैक्टिकल नॉलेज होता है। वे कार्पोरेट स्किल्स के अनुरूप नहीं होते और इन्हें रोजगार पाने के लिये जद्दोजहद करना पड़ता है। युवा अपने आपको इतना स्किल्ड बनायें जिससे वे एम्प्लॉयबल बन सकें। डिग्री की पढ़ाई के दौरान ही अधिक से अधिक शॉर्टटर्म कोर्सेस कर अपने आपको दक्ष बनायें। डॉ सूरीशेट्टी संतोष रूंगटा कैम्पस में आयोजित मेगा एचआर कान्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व मेगा एचआर कॉनक्लेव का उद्घाटन अतिथियों द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्जवलन से हुआ। अपने स्वागत भाषण में जॉइंट डायरेक्टर (टी एण्ड पी) एडविन एंथनी ने बताया कि उद्योगों की आवश्यकताओं तथा शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई जा रही इंजीनियरिंग शिक्षा के मध्य सामंजस्य स्थापित करने हेतु इस मेगा एच.आर. कॉनक्लेव का आयोजन किया जा रहा है। आभार प्रदर्शन डायरेक्टर आरसीइटी डॉ. एस.एम. प्रसन्नकुमार ने किया। मौके पर संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा, डायरेक्टर आरसीइटी डॉ. एस.एम. प्रसन्नकुमार, प्रिंसिपल आरसीपीएसआर डॉ. डी.के. त्रिपाठी, डायरेक्टर एचआर एण्ड प्लेसमेंट्स महेन्द्र श्रीवास्तव, ज्वाइंट डायरेक्टर ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट एडविन एन्थनी, ज्वाइंट डायरेक्टर मार्केटिंग संजीव शुक्ला, वाइस प्रिंसिपल श्रीकांत बुर्जे, डीन इसीएस प्रो. एस. भारती, प्रबंधक जनसंपर्क सुशांत पंडित सहित विभिन्न विभागों के डायरेक्टर, प्रिंसिपल, डीन, हेड तथा बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग के स्टूडेंट उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जोइता तोमर ने किया।