रायपुर। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने आकाशीय बिजली से बचाव के लिए आसान उपायों को बताने वाली पोस्टर का विमोचन किया है। पोस्टर में बताया गया है कि बरसात अथवा आकाशीय गर्जना के दौरान घर में है तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं और बिजली से चलने वाले सभी उपकरणों को बंद कर दे। यदि दो पहिया वाहन, साइकिल, ट्रक, खुले वाहन, नौका आदि पर सवार हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। धातु की डंडी वाले छाते का उपयोग न करें। टेलीफोन व बिजली के खम्भे, टेलीफोन व टेलीफोन टावर से दूर रहें। कपड़े सुखाने के लिए जूट या सूत की रस्सी का उपयोग करें तार का नहीं। बिजली की चमक देख तथा गर्जन की आवाज सुनकर ऊंचे एवं एकल पेड़ो के नीचे न जाएं। यदि आप जंगल में हो तो छोटे एवं घने पेड़ों के नीचे चल दे। वृक्षों, दलदल वाले स्थलों तथा जल स्त्रोंतो से यथा सम्भव दूर रहें। खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुने। एक साथ कई आदमी इकट्ठे न हो। दो आदमी की बीच की दूरी कम से कम 15 फीट हो। तैराकी कर रहे लोग, मछुवारे आदि अविलम्ब पानी से बाहर निकल जाएं। गीले खेतों में हल चलाते रोपणी या अन्य कार्य कर रहे किसान, तालाब में कार्य कर रहे व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। धातु से बनी कृषि यंत्र, डंडा आदि से दूर रहें।
यदि खेत खलिहान में काम कर रहे हो और किसी सुरक्षित स्थान की शरण में जाना सम्भव न हो तो जहां है वहीं रहें और पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे- लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें। दोनो पैरों को आपस में सटा लें और दोनो हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ झुका लें, लेकिन सिर को जमीन से न छुएं। गर्जन की स्थिति में जमीन पर कभी भी न लेटें। अपने घरों तथा खेत-खलिहानों के आस-पास कम ऊंचाई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्ष समूह लगाएं। ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर जमीन में काफी गहराई तक दबा लें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाएं। यदि सम्भव हो तो अपने घरों में तडित चालक लगवा लें और खुले क्षेत्र में धातु के सम्पर्क में आने से बचें।