भिलाई। यह पृथ्वी सभी प्राणियों के लिए हैं। धरती पर जितना हक मनुष्यों का है उतना ही हक हर बेजुबान जीव का भी है। शाश्वत संगीत अकादमी द्वारा आयोजित 10 दिवसीय समर कैंप में बच्चों को जीव मात्र के प्रति संवेदनशील बनाया गया। गीत, भजन, नुक्कड़ नाटक की प्रैक्टिस करने के साथ ही बच्चों ने बनाए जूते के पुराने खाली डिब्बों से चिड़ियों के लिए घर। इस अनोखे समर कैंप में बच्चों ने सीखी मनुष्यता। पर्यावरण बचाने के उपायों पर बच्चों ने छोटे-छोटे नाटक लिखने की तालीम हासिल की। जल संरक्षण पर जागरूकता के गीत सीखे। अपने घर के बाहर जानवरों के लिए पानी का बर्तन रखना एवं शेड बनाना सीखा। जूते के पुराने बक्सों में चिड़ियों के घोंसले बनाकर उन्हें घर में बची हुई वेस्ट मटेरियल से सजाना भी सीखा।
अभिभावकों ने इसे एक अभिनव पहल बताया। उन्होंने कहा कि पहले संयुक्त परिवार में बच्चे जो बातें स्वाभाविक रूप से सीख लेते थे, एकल परिवारों में वह परिवेश नहीं मिलता। प्रतियोगिता के इस दौर में लोग बच्चों को अच्छी उच्च शिक्षा एवं अच्छे रिजल्ट के लिए तो प्रेरित करते हैं लेकिन उनमें मनुष्यता, सहिष्णुता एवं भारतीयता के गुण भरने की जो कोशिश शाश्वत संगीत अकादमी से की जा रही है वह प्रशंसनीय है
ड्रामा की ट्रेनिंग में भाविक रूपड़ा का विशेष सहयोग रहा। भाविक ने अपना कीमती समय देकर बच्चों को सकारात्मक सोचना सिखाया। समर कैंप में 40 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया जिनमें शाइनी, साइलि प्रकाश, पर्णिका जंघेल, अयाति बिजोरिया, अनिरुद्ध पटेरिया, शुभम वर्धन, आदित्य शर्मा, ट्यूलिप प्रकाश, अनुपमा घोषाल, कार्तिका तिवारी, मृणालिका देवनाथ, सोमा सोनवानी, याशी मौर्या, करिश्मा अँतरा चौधुरी साग्निक आदि है। इनके साथ ही शाश्वत संगीत क्लास की लेडीज स्पेशल क्लास कि सुगम संगीत की छात्राएं बिपाशा हलदार, सोमाली शर्मा, मंजू मिश्रा, सावित्री जंघेल, सुमित्रा मौर्या, अनिता सरकार, पूर्णिमा लाल, माधुरी बिजोरिया आदि ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।