भिलाई। तेजस आईएएस अकादमी ने रविवार को अभ्युदय कार्यशाला का आयोजन किया। एक्सपर्ट्स ने बताया कि पीएससी/यूपीएससी क्रैक करने के लिए सबसे पहले यह तय करना होगा कि क्या न पढ़ें। उन्होंने टॉपिक के आधार पर इन डेप्थ अध्ययन करने की सीख यंग एस्पिरेंट्स को दी। होटल सेन्ट्रल प्लाजा में आयोजित इस कार्यशाला में लगभग 100 बच्चों ने भाग लिया। एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच कार्यशाला के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने अध्ययन के लिए फोकस को आवश्यक बताते हुए टाइम मैनेजमेंट को बेहद जरूरी बताया। सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने अंग्रेजी भाषा के भूत से लड़ने के टिप्स देते हुए कहा कि गलत तरीके से भाषा सीखने की कोशिश के कारण ही 12-15 साल तक पढ़ने के बाद भी बच्चे अंग्रेजी नहीं सीख पाते।
एक्सपर्ट विनय सिंह ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि पिछले दो वर्षों में 55-43 फीसदी स्कोर करने वालों ने यूपीएससी क्रैक किया। उन्होंने कहा कि अध्ययन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि आप जिन भी स्रोतों से पढ़ रहे हों वे विश्वसनीय हों। उन्होंने एनसीईआरटी के प्रकाशनों को श्रेष्ठ बताया।
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक विषयों का विषद अध्ययन जरूरी है। इसके लिए सिलेबस में से टॉपिक्स चुन लें। टॉपिक्स के बारे में इनडेप्थ जानकारी हासिल करें पर विषयांतर में जाने से बचें। क्या पढ़ना है यह जानने से पहले यह जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि क्या नहीं पढ़ना है। मेन्टॉर इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। यूपीएससी क्रैक कराने का दावा करने वाले अधिकांश प्रकाशन आपको शर्तिया फेल करवा सकते हैं। इसलिए मानक एवं अथेंटिक ग्रंथों से ही अध्ययन करें।
मेन्टॉर हरीश तिवारी ने एक प्रश्नोत्तरी हल करवाने के बाद बच्चों के साथ इंटरैक्ट किया। उन्होंने बताया कि टाइम मैनेजमेंट जरूरी है। हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करने के बाद उसपर फोकस करना होगा वरना समय निकलता चला जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकांश विद्यार्थी ग्रैजुएशन के दौर में कैम्पस के भरोसे रहते हैं। जब कैम्पस में जॉब नहीं मिलती तब आॅफ कैम्पस का इंतजार करते हैं। यह भी न मिला तो छोटी मोटी प्रायवेट जॉब करने लगते हैं। भिलाई के बच्चों में काफी पोटेंशियल है और ये ठान लें तो यूपीएससी भी क्रैक कर सकते हैं।
उन्होंने पूरे सिलेबस को टॉपिक में बांटने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अध्ययन टॉपिक वाइज करें, प्रसंगों की प्रासंगिकता को समझें और इससे जुड़ी जानकारियां हासिल करें। इस बात का ध्यान रखें कि आप जिन स्रोतों का भी उपयोग करें वो प्रामाणिक हों।
श्री तिवारी ने कहा कि आरंभिक पढ़ाई के दौरान आपके को-एस्पिरेंट्स आपके श्रेष्ठ सहयोगी हो सकते हैं। आप मिलकर टॉपिक डिस्कस कर सकते हैं, नॉलेज शेयर कर सकते हैं। परीक्षा से पहले आपको आत्मविश्वास और प्रेरणा की जरूरत होगी। इसके लिए आप अपने खास दोस्त एवं माता पिता पर ही भरोसा करें।
कार्यशाला की टीम तेजस के तेजेन्द्र राठौर, मो. हसीब एवं प्रिंस पाण्डेय ने भी संबोधित किया।