भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में 21 जून से 21 दिवसीय निःशुल्क योग शिविर का आयोजन किया गया है। आयोजन का उद्देश्य योग के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करना है ताकि कोरोना संक्रमण से लोग सुरक्षित रह सकें। शिविर के प्रथम दिन यम और नियम पर पुणे के योग शिक्षक प्रशांत पाण्डेय ने बताया कि बहुत से लोग 15-20 साल से योग कर रहे है पर फायदा नही मिल रहा है। योग आसन और प्राणायाम् से नहीं वरन अष्टांग योग के यम और नियम से शुरू होता है। उन्होंने बताया कि यम और नियम के बिना आध्यात्मिक प्रगति नहीं हो सकती। मन तक पहुंचने के लिये यम और नियम, सामाजिक दुनिया और स्वयं की दुनिया में परस्पर संतुलन बनाता है। यम-नियम के अभ्यास से हम संतुलित रहता है। यम-नियम, नमस्कार को अपने जीवन में सुचारु रुप से अपनाकर हम स्वस्थ्य रह सकते है।
शिविर के दूसरे दिन मृत्युंजय अकादमी रायपुर की योग गुरु श्रीमती मंजु झा ने बताया कि हमारा शरीर सात धातुओं से मिलकर बना है। कार्बन, हाइड्रोजन, नाईट्रोजन, ऑक्सीजन, फास्फोरस, सल्फर और कैल्शियम। प्राणायाम् के द्वारा हम शरीर में वात्, पित्त और कफ का संतुलन करते है और कैल्शियम को खून में संतुलित रखते हैं। नाडी शोधन प्राणायाम् से शरीर में वात्, पित्त, कफ को संतुलित करते है और रक्त को शुद्ध करता है। नाड़ी शोधन प्राणायाम् एक अनुपात 2 में सांस का आवागमन करना है। अर्थात अगर एक बार सांस लेते है तो दो बार सांस छोड़ना है।
इसके बाद प्रत्येक दिन योग की अलग-अलग मुद्रा एवं उसके महत्व को बताया गया। सभी प्रतिभागी योग शिक्षक के निर्देशानुसार योग क्रिया करते हुये अपना स्क्रीन शेयर करते है जिससे शिक्षक उन्हें सही निर्देश दे सके। इसी क्रम में तीसरे दिन अनुलोम विलोम का प्रशिक्षण दिया गया। अनुपात 1:4:2 नाक से गरमी में खून आना, सुबह-सुबह, छींक आना, साइनस की परेशानी से छुटकारा मिलता है।
चौथे सत्र में सूर्यभेदी प्राणायाम् के बारे में विस्तार से बताते हुये योग गुरु मंजु झा ने बताया कि इसे करने से शरीर का तापमान बढ़ता है। यह मौसम बदलने से होने वाली बीमारियों से बचाव करता है और कृमि को नष्ट करता है। इसको सही तरीके से करने पर मेरुदण्ड से पसीना रिसता है। तापमान वृद्धि से करोना वायरस नष्ट हो जायेगा। डॉ. रीना कुलश्रेष्ठ ने डाइबीटीस से संबंधित योग के बारे में जानकारी दी।
पांचवे दिन योग गुरु मंजु झा ने शीतकारी प्राणायाम् को विस्तार पूर्वक समझाते हुये कहा कि इस प्राणायाम् को करने के अनेक लाभ है जैसे एसिडिटी की समस्या खत्म होती है। पेट के छाले ठीक होते है। यदि इस प्राणायाम् को दिन में तीन बार 11 चक्र लगातार 5 दिनों तक किया जाये तो इस समस्या से छुटकारा मिलता है। नीलिमा चन्द्राकर ने थाईराइड बीमारी से संबंधित योग पूछे जिसकी मंजु जी ने जानकारी दी।
छठवें दिन प्रतिभागियों द्वारा थाईराइड से संबंधित योग पर मंजु जी ने कहा कि थाईराइड की बीमारी का मुख्य कारण हमारी दिनचर्या में खान-पान में बदलाव, चिंता, परेशानी, व्यवहार में बदलाव, डिप्रेशन आदि है। इसके लिये उज्जायी प्राणायाम् सहायक सिद्ध होगा, खेचरी मुद्रा बनाकर 3 महीने लगातार करने से हमें इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है। उन्होंने इसका अभ्यास कराया और सही तरह से करने का मार्गदर्शन किया। डॉ. नीलम गांधी ने एसिडिटी के विषय में सवाल किये जिस का उपाय पवन मुक्तासन और शीतली प्राणायाम् बताया। सातवें दिन भस्त्रिका प्राणायाम् कैसे करना चाहिये और उसके लाभ को विस्तार से बताया गया। आठवें दिन उज्जयी प्राणायाम् के बारे में जानकारी दी तथा प्रतिभागियों को यह प्राणायाम् किस तरह और कब करना चाहिये इस संबंध में बताया गया।
महाविद्यालय द्वारा 21 दिवसीय निःशुल्क योग शिविर आयोजन के लिये श्री गंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमेन आई.पी. मिश्रा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस तनावग्रस्त माहौल में योग ही हमें तनाव से मुक्त कर सकता है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने योग शिविर के आयोजन के लिये सभी को बधाई देते हुये कहा कि योग के द्वारा हम निरोग एवं तनाव मुक्त रह सकते है।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि योग का निःशुल्क प्रशिक्षण भी सेवा कार्य है। इसके माध्यम से हम लोगों को योग के महत्व को बताते हुये उन्हें योग करने हेतु प्रेरित कर सकते है। योग को शरीर और मन को एकात्म करने का माध्यम बताया और कहा कि योग से मन शांत और परिष्कृत होता है। शांत मन से स्वस्थ और निरोग काया प्राप्त होती है।
आगे के सत्र में योग शिक्षक प्रशांत पाण्डेय, पुणे महाराष्ट्र, डॉ. गणेश नंदी अन्तरराष्ट्रीय नाड़ी वैद्य डॉ निशा जोशी योग गुरु, इंदौर, अन्तरराष्ट्रीय योग प्रशिक्षक एनएसएनआईएस आनंद सिंह के द्वारा योग के अलग-अलग आसन एवं खान-पान के संबंध में विस्तार से बताया जायेगा।
संयोजिका डॉ शमा ए. बेग विभगाध्यक्ष माईक्रोबायोलॉजी ने शिविर के आयोजन का उद्देश्य कोरोना के समय लोगों के इम्युनिटी पावर को बढ़ाना जिससे वे स्वथ्य रह सके। सह-संयोजक डॉ स्वाती पाण्डेय एवं श्री दीपक सिंग एनएसएस अधिकारी ने योग को जीवन में शामिल करने कहा।
निःशुल्क प्रशिक्षण शिविर में महाविद्यालय के स्टाफ एवं पूरे देश से विभिन्न वर्ग के लोग जिसमें शिक्षक, गृहणी, अन्य फर्म, कंपनी, संस्था आदि में काम करने वाले लोग जुड़े है।