भिलाई। प्रख्यात फिल्म मेकर अनुराग बासू ने कहा है कि कोई परिवर्तन हर क्षेत्र में आता है। आज बालीवुड भी इस दौर से गुजर रहा है। अब पूरा फोकस सेटेलाइट सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर ही निर्भर है। परिवर्तन से डरें नहीं बल्कि तैयारी करें, अपने स्किल बढ़ाएं। शार्टटर्म कोर्स करें। तैयार रहें। कोरोना ने कुछ परेशानियां दी हैं तो संभावनाओं के अनन्त द्वार भी खोल दिए हैं। श्री बासू संतोष रूंगटा समूह द्वारा छात्रों एवं युवाओं के लिए आयोजित ऑनलाइन लीडरशिप टॉक को संबोधित कर रहे थे।अनुराग बासू ने कहा कि थिएटर अब बॉलीवुड का रेवेन्यू सोर्स नहीं है। यदि थिएटर में फिल्म पिट जाए तो भी मेकर्स को कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि फिल्म ओटीटी पर कमा लेती है। फिलहाल कोरोना की वजह से थिएटर अगले छह महीने और नहीं खुलने के आसार लग रहे हैं।
अनुराग बासू ने कहा कि घबराते तो वो हैं, जिन्हें खुद की काबिलियत पर भरोसा नहीं होता। नौकरी की चिंता पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, जिस कंपनी ने आपको नौकरी दी है उसने परखकर ही मौका दिया है। बढिय़ा कंपनी अच्छे लोगों की हायरिंग से हाथ नहीं खींचती, तो डिप्रेशन छोडक़र कूल रहो। उन्होंने कहा, सरकार ने परीक्षाओं का आसान कर दिया है। जनरल प्रमोशन भी दिया। इसका यह मतलब नहीं है कि स्टूडेंट्स घरों में सिर्फ आराम करेंगे। इस समय में अगर खुद में कुछ नई स्किल जोड़ें तो करियर और भी अच्छा हो जाएगा। पूरी दुनिया इस समय ऑनलाइन है। शॉर्टटर्म के नए कोर्स कीजिए। अंग्रेजी सुधारिए। कम्युनिकेशन स्किल में तब्दीली लाइए। फिर देखिए, करियर कैसे चमकता है।
युवाओं को टिप्स देते हुए उन्होने कहा, दूसरों के आगे अपना रोना कभी मत रोइए। इससे आपकी वेल्यू कम होती है। हमेशा मुस्कुराकर सबसे मिलिए। हर एक चीज का आउटकम आपकी मेहनत पर निर्भर करता है। कभी थमने की सोचना भी मत। क्योंकि, अगर एमएस धोनी भी रेलवे में टीसी की नौकरी पर रुक जाते तो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान नहीं होते। लाइफ में आगे बढऩा है तो कामयाब लोगों को पढ़ते रहिए। उनसे सीखिए स्ट्रगल के बाद सुनहरी सुबह कैसी होती है।
कार्यक्रम को समूह के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. जवाहर सूरीशेट्टी ने कार्यक्रम होस्ट किया।