भिलाई। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल में आए एक मरीज ने सम्पूर्ण चिकित्सा जगत को हैरान कर दिया है। राजनांदगांव के इस 61 वर्षीय मरीज को दिल का दौरा पड़ा था। 24 घंटे से भी ज्यादा वक्त निकल जाने के बाद उसे स्पर्श लाया गया था। जब मरीज को यहां लाया गया उसकी हालत बेहद नाजुक थी। उसकी नब्ज डूब चुकी थी, बीपी शून्य दिखा रहा था। एंजियोप्लास्टी के बाद भी यही स्थिति बनी रही पर चिकित्सकों ने हिम्मत नहीं हारी। कोशिशें जारी रही और 5 दिन बाद नब्ज पकड़ में आ गई और बीपी भी सामान्य होने लगा। दो हफ्ते बाद मरीज अब पूरी तरह सामान्य है।स्पर्श के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ असलम खान ने बताया कि 6 फरवरी को जब मरीज को अस्पताल लाया गया तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी। उसे एक दिन पहले दिल का दौरा पड़ा था। तत्काल प्रोसीजर करना संभव नहीं था। इसलिए मरीज को स्टेबिलाइज करने की कोशिश की गई पर उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। अतः परिजनों को पूरी स्थिति से अवगत कराने के बाद उसकी एंजियोप्लास्टी कर दी गई। पांच दिन गुजर गए पर मरीज की नब्ज लापता थी और बीपी की रीडिंग भी शून्य आ रही थी। पर मरीज के अंदरूनी अंग काम कर रहे थे। मरीज यूरिन पास कर रहा था।
डॉ असलम ने बताया कि हम परिजनों को कोई आश्वासन या ठोस जवाब नहीं दे पा रहे थे। पर पांचवे दिन मरीज की हल्की सी नब्ज पकड़ में आई। बीपी की रीडिंग में भी सुधार हुआ। सभी ने राहत की सांस ली। इसके बाद स्थिति में तेजी से सुधार होता गया। स्थिति पूरी तरह संभलने के बाद 12 फरवरी को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 12 दिन बाद बुधवार को मरीज फालोअप चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचा तो सबकुछ नार्मल था।
उन्होंने बताया कि मरीज को इससे पहले हृदय संबंधी कोई दिक्कत नहीं आई थी। उसे उच्च रक्तचाप की परेशानी थी पर दवा से वह भी नियंत्रण में था। वह क्रेडा की मार्केटिंग टीम में काम करता है। एक दिन पहले ही वह लंबा दौरा करके लौटा था। जब पीठ के बीच में दर्द हुआ तो उसे गैस का दर्द समझ लिया गया। जिस अस्पताल में उसे ले जाया गया वहां एंजियो की सुविधा नहीं थी। चूक यह हो गई कि मरीज को तत्काल किसी हार्ट सेंटर में रेफर नहीं किया गया। इसलिए मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ गई।
उन्होंने कहा कि गैस से होने वाले दर्द और हृदय संबंधी परेशानियों से होने वाला दर्द कभी-कभी एक जैसा होता है। पर ऐसा कोई भी लक्षण होने पर तत्काल किसी हृदयरोग विशेषज्ञ का परामर्श ले लेना चाहिए।