भिलाई। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और नष्ट होते पर्यावरण ने सभी को परेशान किया है। यही वजह है आम और खास सभी का ध्यान इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ा है। 2025 तक छत्तीसगढ़ में भी ईवी का बोलबाला होगा। इससे नए रोजगार भी मिलेंगे। अगले साल तक टू और फोर व्हीलर ईवी गाडिय़ों की बहुत सी कंपनियां अपने प्रोडक्ट प्रदेश में लॉन्च करने वाली हैं। इससे जुड़ी कंपनियां आज संतोष रूंगटा कैम्पस पहुंचीं।इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कनेक्टेड यूटिलिटी, चार्जिंग प्वाइंट ऑपरेशन में काम कर रही एमएनएसी एलोसिटी की एमडी प्रीति सिंह ने यह बातें बताईं। छत्तीसगढ़ से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर मुकाम हासिल करने वाली प्रीति मंगलवार को संतोष रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज आर-१ के स्टूडेंट्स के साथ ऑनलाइन तरीके से जुड़ी और ईवी के बेहतर कल के बारे में बताया। कहा कि ईवी एक ऐसी फील्ड बनकर उभरा है, जो आने वाले समय में लाखों नौकरियों के अवसर पैदा करेगा।
प्रीति ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होंगे। इससे हर माह 6 से 9 हजार रु. तक की बचत की जा सकती है। इलेक्ट्रिक वाहन चलाना पेट्रोल-डीजल ही नहीं, सीएनजी से भी सस्ता है। टू-व्हीलर में कई ऑप्शन हैं। कारों में फिलहाल दो-तीन ब्रांड हैं। ईवी टू-व्हीलर के दाम पेट्रोल वाहन के बराबर हैं। कारें पेट्रोल-डीजल की तुलना में महंगी हैं। भारत में केंद्र सरकार फेम टू स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने पर 15 हजार रुपए किलोवाट बैटरी के हिसाब से प्रोत्साहन देती है। 3 किलोवाट बैटरी वाले टू-व्हीलर पर 45,000 रुपए तक सब्सिडी मिल सकती है। छत्तीसगढ़ जल्द ही आरटीओ एक्ट में इसके लिए विशेष व्यवस्था करा सकता है।
ईवी चलाने की लागत 1 से 1.25 रुपए किमी आती है। 50 किमी चलाने पर 50-70 रुपए खर्च होगा। पेट्रोल गाड़ी में यह 250-350 रुपए होता है। ऐसे में हर माह 6 से 9 हजार रुपए तक बचत संभव है। ईवी बेचने वाली कंपनियां ग्राहक के घर पर चार्जिंग यूनिट इंस्टाल करती हैं। अलग कनेक्शन की जरूरत नहीं होती। घरों में वाहन चार्ज करने पर 8-10 घंटे लगते हैं। कमर्शियल या फास्ट चार्जिंग स्टेशन में समय 1 से 1.5 घंटा रह जाता है। टू-व्हीलर को 20 मिनट में चार्ज कर सकते हैं। इस पर 50 रुपए खर्च होंगे।