दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के नृत्य विभाग द्वारा महान कथक नृत्य सम्राट पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज के निधन पर श्रद्धांजलि दी गई। गूगलमीट पर रखी गई श्रद्धांजलि सभा में प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि पं. बिरजू महाराज जी वर्तमान समय में सर्वश्रेष्ठ नृत्याचार्य थे। वे पद्मविभूषण तथा कालिदास सम्मान से विभूषित थे। खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने उन्हें डाक्टर की मानद उपाधि से नवाजा था। उन्होंने राजनांदगांव में अनेक कार्यशालाओं में अपनी कला को साझा किया है।नृत्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ ऋचा ठाकुर ने बताया कि पं. बिरजू महाराज अनेक कलाओं के महारथी थे। लखनऊ घराने की विरासत को बढ़ाने वाले पंडितजी न केवल नर्तक अपितु गायक और वादक के रूप में भी सिद्धहस्त कलाकार थे। इस अवसर पर पं. बिरजू महाराजजी का साक्षात्कार उनकी शिष्या शाश्वती सेन के साथ दिखाया गया। छात्राओं ने एक साथ प्रणाम मुद्रा बनाकर दिवंगत आत्मा को अपनी भावनायें समर्पित की।
महाविद्यालय की नृत्य की पूर्व छात्रा एवं इतिहास की सहायक प्राध्यापक शबीना बेगम ने कहा कि कथक नृत्य पर महाराजजी साक्षात्कार सुनकर उस विधा के प्रति झुकाव बढ़ गया है। विशेष तौर पर उन्होनें पुराने शासकों के दरबार पर किये जाने वाले कथक प्रयोगों का जो वर्णन किया वह इस नृत्य की बानगी को बताता है। बी.ए. अंतिम की शारदा यादव ने कहा कि भविष्य में वे भरतनाट्यम के अतिरिक्त कथक को सीखने की कोशिश करेंगी। युवापीढ़ी की छात्राओं ने रियेलिटी शो के माध्यम से महाराज को देखा है किन्तु उनकी जीवन यात्रा को इस साक्षात्कार से समझ पाई है।
महाविद्यालय परिवार ने कथक सम्राट पं. बृजमोहन मिश्र को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।