भिलाई। वीकएण्ड पर पिकनिक मनाने निकले हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के कर्मचारियों को गौमाता के प्राणों की रक्षा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दरअसल गरियाबंद जाते हुए इनकी नजर सड़क किनारे गड्ढे में फंसी एक गाय पर पड़ी। गाय इस आयताकार गड्ढे में इस तरह फिट पड़ी थी कि रस्सी डालना तक मुश्किल था। आधा-पौन घंटे की मशक्कत के बाद उसे निकालने में सफलता मिली।
हाइटेक हॉस्पिटल के अमित कुमार द्विवेदी, सजी कुमार, जसविन्दर सिंह, राज तिवारी, विनोद यादव, दीपक रंजन दास, संतोष सिंह, गोपाल पिकनिक मनाने गरियाबंद रवाना हुए थे। राजिम से कुछ आगे हाइवे के किनारे-किनारे आयताकार गड्ढे खोदे गए हैं। ये खंभे बिजली के खंभों के लिए खोदे गए हैं या किसी और प्रयोजन के लिए कहना मुश्किल है पर ये किसी की भी जान ले सकते हैं। इन गड्ढों पर टहनियों के सहारे रिबन लगाकर बैरिकेडिंग की गई है जो अधिकांश गड्ढों पर से गायब हो चुकी हैं।
इन्हीं में से एक गड्ढे में गाय गिर पड़ी थी। गड्ढा ठीक गाय के शरीर के आकार का था। पिछली दोनों टांगें नीचे मुड़ी हुई थीं और उसका पेट दोनों तरफ की दीवारों से रगड़ खा रहा था। किसी तरह वह केवल अपनी गर्दन उठाए हुए थे। पहले तो साफा की रस्सी बनाकर उसे बाहर खींचने की कोशिश की गई। फिर वाहनों को रोककर उनसे रस्सी और श्रम का सहयोग मांगा गया। लगभग पौन घंटे की मदद के बाद गाय को बाहर निकाला जा सका। निकलते वह एक तरफ जंगल की ओर भाग निकली।
हाइटेक की टीम ने इस कार्य में सहयोग करने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया। इस दौरान उसने सरकारी टोल फ्री नंबरों पर सम्पर्क करने की भी कोशिश की पर कोई भी नंबर लगा ही नहीं। ये गड्ढे न केवल मवेशियों के लिए बल्कि आम दुपहिया चालकों और पैदल चलने वालों के लिए भी बेहद खतरनाक हैं। इन गड्ढों की शिकायत छत्तीसगढ़ शासन को ईमेल से की गई है।