भिलाई। पूर्व संयंत्र कर्मी एवं शब्द साधक रविशंकर कलौसिया के प्रथम काव्य संग्रह “दे रही है प्यार गंगा” का विमोचन सोमवार को किया गया। लोकार्पण के दायित्व का निर्वहन संस्कृत के अंतरराष्ट्रीय विद्वान एवं शिक्षाविद आचार्य महेश चंद्र शर्मा, प्रसिद्ध साहित्यकार पं. शिवनाथ शुक्ल तथा वरिष्ठ पत्रकार एवं समालोचक दीपक रंजन दास ने किया।
इस अवसर पर आचार्य शर्मा ने कहा कि रचनाकार किसी कालखण्ड में बंधा हुआ नहीं होता। कलौसियाजी की कविताओं में सर्वत्र इसके प्रमाण बिखरे हुए हैं। उनकी कविताओं का विषय प्रकृति, देश, सामाजिक ताना सहित जीवन के सभी पहलुओं को स्पर्श करती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये कविताएं लोगों को खूब पसंद आएंगी।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पं. शिवनाथ शुक्ल ने कवि का परिचय देते हुए कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र की तपिश में जहां उनकी काया झुलसती रही वहीं भीतर निर्मल गंगा का स्रोत बहता रहा। वे एक साधारण मनुष्य बने रहकर तटस्थ भाव से दुनिया को देखते हैं और उसके मायने ढूंढने का प्रयास करते हैं।
विशिष्ट अतिथि श्री दास ने कहा कि जिस तरह सात घोड़े, एक पहिया और अपंग सारथी के बावजूद सूर्य का रथ निरतंर समय पर चलता रहता है ठीक उसी तरह दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे साधन और संसाधन गौण हो जाते हैं। कलौसिया के काव्य संग्रह का प्रकाशन ऐसी ही जिजीविषा का परिणाम है।
बसंत पंचमी एवं सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की जयंती पर प्रस्तावित यह कार्यक्रम सोमवार को वैशालीनगर सियान सदन में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर समाजवादी विचारक केएल तिवारी, शायर मुमताज, निजाम शाही, रियाज गौहर, पं. गंगाचरण पुरोहित, रतनलाल गोयल, डीए करमरकर, नौशाद सिद्दीकी, रामायण मिश्रा, कवयित्री नीलम जायसवाल, ओमप्रकाश जायसवाल, शमशीर सिवानी, एनएल मौर्य, संजय दुबे, शिखा, बसंत, मोहसिन जारा चौधरी, वसुन्धरा, आदि उपस्थित थे। संचालन गजलकार अशोक सोनी ने किया। आभार प्रदर्शन एडवोकेट कंचनबाला ने किया।