भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक महिला की पथरी ईआरसीपी से निकाली गई। जिले में यह सुविधा अभी सिर्फ हाइटेक में ही उपलब्ध है। पावर हाउस निवासी इस 37 वर्षीय महिला को तेज दर्द के साथ मितली की शिकायत थी। पित्त की नली में अवरोध के कारण उसे पीलिया हो गया था। हाइटेक के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ आशीष देवांगन ने बताया कि महिला को जब अस्पताल लाया गया तो वह तेज दर्द से बेहाल थी। शंका होने पर उसकी सोनोग्राफी करवाई गई। पथरी का पता लगने पर एमआरसीपी की गई जिससे पता लगा कि उसकी पित्त की नली में एक लगभग 7 एमएम की पथरी थी जो नली के निचले हिस्से में जाकर फंस गई थी। पित्त की नली यहां पर बहुत संकरी होती है। पथरी के फंसने के कारण वह काफी फैल गई थी।
डॉ देवांगन ने बताया कि पथरी को तत्काल निकालना जरूरी था। ईआरसीपी तकनीक से इसे निकालने का फैसला लिया गया। इस पद्धति में एंडोस्कोपी की जरिए पहले छोटी आंत के उस हिस्से का पता लगाया जाता है जहां पित्त की नली उसमें खुलती है। फिर स्राव से विपरीत दिशा में एक पतले कैथेटर के माध्यम से पित्त की नली में प्रवेश किया जाता है और फिर पथरी को वहां से खींच कर निकाल लिया जाता है।
डॉ देवांगन ने बताया कि पित्ताशय की पथरी को लेकर लापरवाही कभी-कभी बहुत भारी पड़ जाती है। दर्द कम होने पर लोग इसकी अनदेखी कर देते हैं और सर्जरी को टालते रहते हैं। ऐसे मरीजों के लिए यह जानना जरूरी है कि पित्ताशय की पथरी के मरीजों में से 8 से 10 फीसदी लोगों की पथरी पित्ताशय से निकलकर पित्त की नली में पहुंच जाती है और तब स्थिति पहले से भी ज्यादा गंभीर हो जाती है।