रायपुर। जिनका डायबिटीज अनियंत्रित है, ऐसे लोग कोरोना से ग्रसित होने के बाद गंभीर हो रहे हैं। ऐसे लोगों को फेफड़े में गंभीर संक्रमण के कारण सांस लेने में तकलीफ हो रही है। उन्हें वेंटीलेटर के साथ ऑक्सीजन की जरूरत भी पड़ रही है। 50 से ज्यादा उम्र वालों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है। राजधानी के अंबेडकर अस्पताल की आईसीयू में 8 मरीज भर्ती हैं। इनमें एक को छोड़कर सभी 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के हैं। 7 मरीजों का डायबिटीज अनियंत्रित है। कुछ को कैंसर व दूसरी बीमारी भी है। दो मरीज वेंटीलेटर सपोर्ट पर है। वहीं 5 मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है। जो मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हैं, वे भी डायबिटीज समेत दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं।
क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट डॉ. ओपी सुंदरानी व हिमटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल का कहना है कि जिन्हें डायबिटीज है, वे नियमित दवा लें। कैंसर और ट्रांसप्लांट वाले मरीजों का इम्यून पॉवर भी कम होता है। छाती रोग विभाग के एचओडी डॉ आरके पंडा का मानना है कि कोरोना के मौजूदा ट्रेंड देखकर लग रहा है कि ये पीक चल रहा है। जुलाई अंत तक मरीजों की संख्या कम होने की संभावना है। वहीं बालाजी अस्पताल के चेयरमेन डॉ देवेन्द्र नायक ने कहा कि अधिकांश भर्ती मरीज 50 या इससे ज्यादा उम्र वाले हैं। लोग मॉस्क नहीं लगा रहे। बारिश के सीजन में कोरोना जांच के लिए कंफ्यूज न हों। बुखार हो तो जांच कराएं।
पिछले 24 घंटे में रायपुर में कोरोना के 96 नए मरीज मिले हैं। ऐसा 154 दिनों बाद हो रहा है। इससे पहले 12 फरवरी को 1 दिन में 112 मरीज मिले थे। प्रदेश में 595 नए संक्रमितों की पहचान हुई है।