भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में यू.जी.सी. द्वारा चलाए जा रहे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन बैठक का आयोजन धोते बंधु विज्ञान महाविद्यालय गोंदिया के साथ हुए एम.ओ.यू. के तहत् किया गया जिसके अंतर्गत दिनांक 19 जुलाई 2022 को छत्तीसगढ़ी वर्णमाला का ज्ञान कराया गया। शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. लक्ष्मी वर्मा ने छत्तीसगढ़ी वर्णमाला की जानकारी देने के साथ ही छत्तीसगढ़ी बोली के इतिहास की जानकारी प्रदान की।
डॉ लक्ष्मी वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ी बोली का इतिहास बहुत पुराना है। यह हमारे पुराने हैहय वंशज एवं अन्य वंशजों की बोली से संबंधित है और इस बोली का जो रूप है वह निरंतर बदलता गया है, इसमें खड़ी बोली का भी मिश्रण है जिसके कारण छत्तीसगढ़ी बोली आज हमें इस रूप में दिखाई देती है। छत्तीसगढ़ी बोली की वर्णमाला में अक्षरों का ज्ञान और उन्हें बोलने का तरीका भी उन्होंने सिखाया इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी बोली से हमारा परिचय करवाया।
महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव एवं महाविद्यालय की उप प्राचार्या डॉक्टर अर्चना झा तथा आईक्यूएसी समन्वयक डॉ राहुल मेने, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब’ की समन्वयक पूर्णिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक शिक्षा विभाग, सुधा मिश्रा सहायक प्राध्यापक शिक्षा विभाग तथा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक रचना तिवारी एवं निधि डोंगरे उपस्थित थी।
प्राचार्य डॉ राव ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम में हमारी छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं बोली को विशेष रूप से आगे बढ़ाने का काम करते हैं और उन्हें एक विस्तृत मंच प्रदान करते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय की उप-प्राचार्या डाॅ. अर्चना झा ने कहा कि छत्तीसगढ़ी बोली बहुत ही प्राचीन और बहुत ही मीठी बोली है। इसे हमें सीखना एवं अपनाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि यह हमारी मूल बोली है और यह हमारे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को प्रदर्शित करने का भी कार्य करती है।
धोते बंधु विज्ञान महाविद्यालय गोंदिया से सहायक प्राध्यापक स्नेहा जयसवाल एवं सहायक प्राध्यापक डॉक्टर शुभांगी नारडे सहित इस कार्यक्रम में कुल 27 प्रतिभागी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन‘एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब’ की समन्वयक श्रीमती पूर्णिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक शिक्षा विभाग ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती पूनम यादव सहायक प्राध्यापक कम्प्यूटर विभाग ने किया।