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संधिवात में घरेलू इलाज से और बिगड़ सकती है घुटनों की हालत – डॉ दीपक सिन्हा

Oct 11, 2022
All arthritis have different causes and different treatment

विश्व आर्थराइटिस दिवस पर विशेष

भिलाई। घुटना, टखना या कूल्हे का दर्द एक उम्र के बाद आम समस्या है. आम तौर पर लोग गर्म तेल की मालिश, अकवन पत्ता आदि से इसका घरेलू उपाय करने की कोशिश करते हैं. पर यदि दर्द लगातार रहता है या बढ़ता ही जाता है तो तत्काल डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए. यह आर्थराइटिस या संधिवात हो सकता है. आर्थराइटिस के 100 से भी अधिक प्रकार हैं जिसमें से तीन आम है. इन सभी का कारण अलग- अलग होता है. जाहिर है इनका इलाज भी अलग-अलग होगा.
हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि ऑस्टियो आर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटिस और गाउट की समस्या बेहद आम है. वे विश्व आर्थराइटिस दिवस 12 अक्तूबर को मीडिया से चर्चा कर रहे थे. उन्होंने बताया कि आरंभिक दौर में फिजियोथेरेपी और औषधियों का अच्छा लाभ मिलता पर यह किसी अस्थि रोग विशेषज्ञ की देखरेख में ही किया जाना चाहिए. लोग स्वयं ही दर्द निवारक औषधियों का सेवन या लेप कर दर्द से निजात पाने की कोशिश करते हैं पर समस्या भीतर ही भीतर बढ़ती चली जाती है. इससे जोड़ पूरी तरह खराब हो जाते हैं और फिर उन्हें बदलने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता है.
डॉ सिन्हा ने बताया कि ज्यादा उम्र, खराब लाइफस्टाइल और खानपान की गड़बड़ियों के कारण जोड़ों की हड्डियों के ऊपर की उपास्थि की परत घिस जाती है. इसके कारण जोड़ों को हिलाने या चलाने पर दर्द होता है. इसे ऑस्टियो-आर्थराइटिस कहा जाता है. समय पर हस्तक्षेप कर जोड़ों की आयु को बढ़ाया जा सकता है. दर्द निवारक लेकर जोर जबरदस्ती करने पर हड्डियां आपस में रगड़कर नष्ट हो जाती हैं. ऐसे जोड़ों को सर्जरी से बदला जा सकता है. ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद जीवन की गुणवत्ता काफी अच्छी हो जाती है और यह एक लगभग स्थायी इलाज है. रोगी दूसरे ही दिन से चलना फिरना शुरू कर सकता है.
डॉ सिन्हा ने बताया कि कभी-कभी इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी के कारण भी जोड़ों में सूजन हो जाती है. ऐसे जोड़ों को मोड़ने में तकलीफ होती है. औषधियों और कुछ कसरतों से सूजन को कम कर इसका इलाज किया जा सकता है. कसरत का भी इसमें लाभ मिल सकता है. रोग जल्द पकड़ में आने पर जोड़ों की क्षति को रोका जा सकता है. लापरवाही या उपेक्षा से जोड़ खराब हो सकते हैं और नौबत ज्वाइंट रिप्लेसमेंट तक जा सकती है.
गाउट का दर्द अकसर पैरों के अंगूठों से शुरू होता है. यह एक या दोनों अंगूठों में हो सकता है. इस रोग में रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जो क्रिस्टल के रूप में पैरों में पहुंच कर जम जाता है और वहां के जोड़ों को अपनी चपेट में ले लेता है. क्रिस्टल्स के कारण जोड़ों में सूजन आ जाती है और तेज दर्द हो सकता है. यूरिक एसिड को नियंत्रित कर इस रोग का उपचार किया जा सकता है.
डॉक्टरों ने बताया कि सीढ़ी से उतरते समय घुटनों के चटकने या दर्द होने, पैर के अंगूठों में बिना किसी चोट के दर्द होने, पैरों को मोड़ने में तकलीफ होने पर तत्काल डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए. इससे रोग को उसी स्थिति में रोकने में मदद मिलती है. इससे जोड़ों को बचाया जा सकता है. आर्थराइटिस या संधिवात शरीर के अन्य जोड़ों को भी अपनी चपेट में ले सकता है जिसमें कूल्हे, कमर, हाथ, गर्दन, कंधे सभी शामिल हो सकते हैं.

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