बिलासपुर. इस बार ठंड में हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुना हो गए हैं. डॉक्टरों का मानना है कि यह पोस्ट कोविड का असर हो सकता है. ऐसे केस में कुछ ही घंटे के भीतर मरीज की मृत्यु हो रही है, जिससे डॉक्टर हैरान हैं. पहले जहां 45 साल से ऊपर के लोगों में यह समस्या पाई जाती थी वहीं अब 35 साल के युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं. सिम्स के डॉक्टर लापरवाही को इन मौतों का कारण मान रहे हैं.
सिम्स के डाक्टरों ने बताया कि इन मामलों में लक्षण भी कुछ अलग हैं. एकाएक शरीर में भारीपन महसूस हो रहा है और फिर हृदय की गति बिगड़ रही है. समय पर जांच और इलाज नहीं होने पर 5 दिन के भीतर लोग मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं. हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के इन मामलों में उनकी संख्या ज्यादा है जो बीपी और शुगर की समस्या से जूझ रहे हैं.
सिम्स के टीबी एवं चेस्ट के विशेषज्ञ डॉ. पुनीत भारद्वाज का मानना है कि ठंड और पानी से परहेज इसकी वजह हो सकती है. इससे खून गाढ़ा हो जाता है और सर्कुलेशन में प्राब्लम आने लगता है. स्ट्रेस और अन्य चीजें हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना को बढ़ा देते हैं.
कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के विशेषज्ञ डॉ. पकंज टेम्बुर्णिकर ने कहा कि शुगर के मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक हो रहा है. नियमित तौर पर दवा का सेवन करने वाले एकाएक दवाएं छोड़ रहे हैं और उन्हें फौरन ब्रेन स्ट्रोक हो रहा है.
हार्ट के मरीज बरतें अतिरिक्त सावधानी
ठंड के मौसम में हार्ट फेल के मामलों में वृद्धि होती है. इस साल इसके मामले बढ़े हैं. इसके कारणों का अध्ययन करना होगा. ऐसे मरीजों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है. जरा सी भी दिक्कत हो तो तत्काल डाक्टर को दिखाएं. तत्काल चिकित्सकीय अप्रिय घटनाओं को रोक सकती है.
– डॉ. राजीव लोचन भंज, कार्डियोलॉजिस्ट, अपोलो
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