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खान-पान की विशिष्टता भी हमारी विरासत का हिस्सा – प्रो. डीएन शर्मा

Jan 30, 2023
INTACH organizes Khana Khazana

भिलाई. पं. सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय समन्वयक प्रो. डीएन शर्मा ने कहा कि सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर किसी भी देश की समृद्धि का सूचक होता है. धरोहर में केवल ईंट-पत्थर से बनी ईमारतें नहीं बल्कि विभिन्न कलाओं का भी समावेश होता है. पाक कला भारत की एक महत्वपूर्ण कला है. भारत के विभिन्न प्रांतों में प्रांत के जलवायु एवं फसल के अनुरुप अलग-अलग व्यंजन बनाये जाते है.
प्रो. शर्मा भारतीय सांस्कृतिक निधि, इंटैक के सौजन्य से स्कूली विद्यार्थियों के लिए आयोजित “खाना-खजाना” पोस्टर एवं निबंध प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. यह प्रतियोगिता पारंपरिक व्यंजनों, उन्हें पकाने के पारंपरिक बर्तनों एवं विधियों के विषय पर केन्द्रित थी. श्री शंकराचार्य विद्यालय में आयोजित इस प्रतियोगिता में 8 स्कूलों के 60 से अधिक विद्यार्थियों ने भागीदारी दी.
प्रो. शर्मा ने कहा कि आज फास्टफूड के आने से पारंपरिक भोजन को लोग भूल रहे है. ऐसे में इस प्रकार के प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चे अपने पारंपरिक भोजन उसे बनाने की विधि तथा उसके महत्व से परिचित होंगे.
विशेष अतिथि एवं एसएसवी के प्राचार्य अमिताभ दास ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है प्रत्येक स्थान के विशिष्ट व्यंजन प्रसिद्ध है. व्यंजनों के इतिहास को जानने के लिये आप इपिक चैनल जरुर देखे. चैनल में लाॅस्ट रेसिपीज, राजा, रसोई और अंदाज अनोखा जरुर देखे इसमें व्यंजन की रेसिपी के साथ आपको उस व्यंजन के इतिहास और महत्व को बारीकी से बताया जाता है.
इंटैक दुर्ग-भिलाई अध्याय की संयोजिका डाॅ. हंसा शुक्ला ने बताया कि प्रतिभागी विद्यार्थियों ने पारंपरिक अनूठे व्यंजन का इतिहास उसे बनाने की विधि और उसके महत्व या अनूठा बर्तन, उसकी उत्पत्ति, गुण और उपयोग से संबंधित पोस्टर बनाएंगे तथा उसका विवरण लिखेंगे. सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र दिया जायेगा तथा सौ क्षेत्रीय विजेता एवं दस राष्ट्रीय विजेता चुने जायेंगे.
प्रतियोगिता में दिल्ली पब्लिक स्कूल, रिसाली भिलाई, शारदा विद्यालय रिसाली भिलाई, इंदु आईटी स्कूल, कोहका, भिलाई, आमदी विद्या निकेतन विद्यालय, हुडको, भिलाई, श्री शंकराचार्य विद्यालय, हुडको, भिलाई, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रुआबांधा, भिलाई, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, तितुरडीह दुर्ग एवं शकुंतला विद्यालय, रामनगर, भिलाई से 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया. विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रांतों के पारंपरिक भोजन को पेंटिंग के माध्यम से सजीवता से उकेरा तथा उसके इतिहास, महत्व एवं उस व्यंजन की बनाने की विधि का निबंध में वर्णन किया.
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन इंटैक दुर्ग-भिलाई अध्याय की संयोजक डाॅ. हंसा शुक्ला ने किया. प्रतियोगिता में दुर्ग भिलाई इंटैक आजीवन सदस्य डाॅ. सुनीता वर्मा, श्री विश्वास तिवारी एवं सुश्री काजल शर्मा उपस्थित हुये. कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री अमित कुमार साहू सहायक प्राध्यापक माईक्रोबायोलाॅजी स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई, श्री रणदीप बेनर्जी, व्याख्याता श्री शंकराचार्य विद्यालय, हुडको, भिलाई ने विशेष सहयोग दिया.

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