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नफरत की आंधी से है प्यार तो इश्क पर पहरा क्यों?

Jan 22, 2023
Rare display of love amidst waves of hatred

यह तो होना ही था. जब सियासी लोग चारों तरफ नफरत की आग लगाते फिरेंगे तो किसी न किसी को तो प्यार का पैगाम देने के लिए पहल करनी ही होगी. लखनऊ से शुरू होकर प्यार का यह पैगाम भिलाई पहुंच गया. एक युवा जोड़ा बाइक पर रोमांस करता हुआ दिखा. इसका वीडियो वायरल हो गया. लड़का बाइक चला रहा है और लड़की फ्यूल टैंक के सहारे उसकी गोद में बैठी झप्पी पा रही है. लड़के के दोनों हाथ हैण्डल पर, नजर सामने और पैर फुटरेस्ट पर हैं. इससे पहले लखनऊ का एक वीडियो वायरल हुआ था. फर्क केवल इतना है कि लखनऊ वाला जोड़ा स्कूटी पर था और भिलाई का जोड़ा बाइक पर. लखनऊ वाला युवक जहां भीड़ भरी सड़कों पर स्कूटी दौड़ा दड़ा रहा था वहीं भिलाई का युवक लगभग सूनी पड़ी सड़क पर बाइक चला रहा था. इस तरह का रोमांस फिल्मों में देखकर 99 फीसदी लोग खुश होते हैं. जब यही सबकुछ अपनी आंखों के सामने रियल लाइफ में होता दिखाई देता है तो जान जल जाती है. मन में एक हूक से उठती है कि काश! उनकी जगह हम होते. हमारी तो उम्र खून से चिट्ठियां लिखते गुजर गई और नतीजा निकला आंखों से बहता नमकीन पानी. वैसे कुछ लोग इसे खतरनाक ड्राइविंग का मामला बता रहे हैं. इससे सहमत होना मुश्किल है. इससे भी ज्यादा खतरनाक ड्राइविंग लोग तब कर रहे होते हैं जब वे स्कूटी में पैरों के बीच गैस का सिलिंडर, गेहूं या चावल का कट्टा फंसाए चल रहे होते हैं. कंधे पर बांस, पीवीसी पाइप जैसे लंबी चीजें लेकर भी लोग बाइक से चलते दिखाई देते हैं. बाइक के हैण्डल पर सब्जी का थैला लटकाए होते हैं. कुहनी पर हेलमेट पहने होते हैं. तब तो नहीं बनता कोई रील, नहीं होता इसका वीडियो वायरल. बाइक रोमांस के इस वीडियो से ट्रैफिक पुलिस को बस इतनी शिकायत हो सकती है कि लड़के ने हेलमेट नहीं पहना है और बाइक पर नम्बर प्लेट नहीं है. रोमांस के खिलाफ कोई कानून नहीं है. किसी को गोद में बैठाने के खिलाफ भी कोई कानून नहीं है. फिर इतनी हायतौबा क्यों? इसकी एक ही वजह हो सकती है कि इस बिंदास रोमांस से जलन हो रही है, कुढ़न हो रही है. कुछ लोग तो केवल मजा लेने के लिए भी रील बनाते हैं. वे जिन्दगी को जीना चाहते हैं. हर पल से खुशियों को निचोड़ लेना चाहते हैं. उनसे जिन्दगी का यह सुख, यह पल क्यों छीना जाना चाहिए? वैसे भी हम इस पीढ़ी को क्या विरासत देकर जा रहे हैं? प्रदूषित वातावरण, कचोटता अकेलापन और अनिश्चित भविष्य?

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