भिलाई। “कोरोना काल ने हमें दिखा दिया कि तमाम उपलब्धियों के बावजूद कभी-कभी हम कितने लाचार हो जाते हैं. उन दिनों मैं जशपुर कलेक्टर था. झारखण्ड की राजधानी रांची का अस्पताल हमारे सबसे करीब था. पर अधिकांश मरीज वहां तक पहुंच नहीं पाते थे. पर हमने हिम्मत नहीं हारी. चिकित्सकों, पैरामेडिक्स, समाज सेवी संगठन, मीडिया, पुलिस, सबने मिलकर अपनी-अपनी व्यक्तिगत एवं सामूहिक चेष्टाओं से उस दुःस्वप्न को किसी तरह काटा. मानवता हमेशा इन सभी के प्रति कृतज्ञ रहेगी.” उक्त उद्गार संभागायुक्त महादेव कावरे ने व्यक्त किये. वे सृजन फाउंडेशन के स्थापना समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे.
सृजन फाउंडेशन ने अपना स्थापना दिवस कोरोना वारियर्स को समर्पित किया. हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हस्पिटल के सभागार में आयोजित इस समारोह में विभिन्न अस्पतालों के 23 चिकित्सकों, 3 स्वास्थ्यकर्मियों, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाले 5 खिलाड़ियों एवं 5 मीडिया कर्मियों का भी सम्मान किया गया. इस अवसर पर विशेष शिक्षक एवं दिव्यांग खेल प्रशिक्षक तोषेन्द्र कुमार वर्मा, दिव्यांग राष्ट्रीय खिलाड़ी केसर कुमार कुर्रे, युवा उद्यमी मयंक साटकर एवं वरिष्ठ बाल साहित्यकार एवं कवि गोविंद पाल को भव्या फाउंडेशन जयपुर द्वारा प्रेषित हिन्द शिरोमणि सम्मान से नवाजा गया.
समारोह को संबोधित करते हुए विशेष अतिथि भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ एम रविन्द्रनाथ ने कोरोनाकाल की विभीषिकाओं को याद किया. उन्होंने कहा कि सिसकती मानवता के उस दौर में चिकित्सा एवं सेवा क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने अतिमानवीय सेवाभावों का परिचय दिया. मानवता हमेशा ऐसे लोगों की ऋणी रहेगी जिन्होंने परिवार से दूर रहकर 24 घंटे मरीजों की सेवा की. इसमें युवा डाक्टरों का अतुलनीय योगदान है. पीपीई किट में घंटों स्वयं को कैद कर रोगियों की सेवा में जुटे ये चिकित्सक जब पीपीई उतारते थे, तो स्वयं उनकी हालत बहुत खराब होती थी. पर उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और जी-जान से जुटे रहे.
समारोह की अध्यक्षता कर रहे बीएसपी के पूर्व प्रबंध निदेशक वीके अरोरा ने कोरोना वारियर्स की हिम्मत और समर्पण का स्मरण करते हुए कहा कि सृजन फाउंडेशन ने इन योद्धाओं को सम्मानित कर अपनी दिशा को स्पष्ट कर दिया है. दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए फाउंडेशन ने अभिनव कौशल विकास एवं पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की है. उन्होंने इस केन्द्र को अपनी शुभकामनाएं दीं.
समारोह के विशिष्ट अतिथि कृष्णा इंजीनियरिंग कालेज के निदेशक आनंद त्रिपाठी ने कोरोना काल में आईएमए और बीएसपी के चिकित्सकों तथा एम्स रायपुर के चिकित्सकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि किस तरह सब ने मिलकर न केवल लोगों को बेड उपलब्ध कराने, ऑक्सीजन से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. उन्होंने सृजन फाउंडेशन को अपनी शुभकामनाएं भी दीं।
आईएमए दुर्ग के अध्यक्ष डॉ कौशलेन्द्र ठाकुर ने कहा कि सेवा कहीं से भी शुरू की जा सकती है. यदि आप किसी बुजुर्ग को लाइन में खड़े रहने से बचा सकते हैं तो वह आपको दुआएं देगा. कोरोना काल की विभीषिकाओं को याद करते हुए उन्होंने कहा कि लापरवाह लोगों ने इस आग में घी डालने का काम किया. मजबूरन सरकार को उन्हें डंडे के जोर पर कायदे में रहना सिखाना पड़ा. बावजूद इसके भारत ने अपनी ताकत दिखाई और कोरोना प्रबंधन में दुनिया के शीर्ष देशों में अपना स्थान सुरक्षित किया.
आरंभ में फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं मेटर्जिकल म्यूजिक मेकर्स के संयोजक ज्ञान चतुर्वेदी ने स्वागत भाषण दिया. फाउंडेशन के महासचिव राकेश शर्मा ने फाउंडेशन के उद्देश्यों एवं अब तक की गतिविधियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने अभिनव कौशल विकास केन्द्र का उल्लेख करते हुए बताया कि ये बच्चे हस्तकला में महारत रखते हैं. इनकी कृतियों को भी यहां प्रदर्शित किया गया है. इन्हें सिलाई सिखाकर बैनर, थैला, झंडी आदि सीना सिखाया जाएगा. इसके लिए स्व. श्री जीपी शर्मा एवं स्व. श्री दामोदर राव चन्नावार की स्मृति में उनके सुपुत्रों द्वारा दो नग सिलाई मशीन संस्था को दान में दी गई है.
सम्मान समारोह के पश्चात संगीत संध्या का आयोजन किया गया जिसमें मेटलर्जिकल म्यूजिक मेकर्स के सदस्यों ने अपनी खूबसूरत प्रस्तुतियां दीं.
अंत में फाउंडेशन के महासचिव राकेश शर्मा ने सभी उपस्थितजनों के साथ ही हाइटेक प्रबंधन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की. कार्यक्रम का संचालन अलका शर्मा एवं सतीश जैन ने किया. इस अवसर पर निःशक्तजन आयोग के पूर्व आयुक्त विवेक अग्रवाल, पूर्व सिविल सर्जन दुर्ग डॉ एचआर वार्ष्णेय, बीएसपी स्कूल के पूर्व प्राचार्य वीआर देशमुख, मधुबाला चतुर्वेदी, आदि उपस्थित थे.