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इस पंथ के लोग नहीं लेते किसी का खून, हाईटेक में हुई Blood-less सर्जरी

May 30, 2023
Bloodless Surgery of IC Junction TB

भिलाई। दुनिया में एक पंथ ऐसा भी है जो जीवन मरण का प्रश्न होने पर भी किसी अन्य का खून नहीं लेते. गंभीर रूप से बीमार इसी पंथ की एक महिला हाइटेक हॉस्पिटल पहुंची. मरीज गंभीर रक्ताल्पता की शिकार थी. ऐसी स्थिति में सर्जरी करना संभव नहीं था. पर हाईटेक ने इस चुनौती को स्वीकार किया. दूरबीन पद्धति से महिला की ब्लडलेस सर्जरी कर दी गई. महिला स्वस्थ होकर घर लौट गई.
खुर्सीपार निवासी 47 वर्षीय इस महिला ने बताया कि उनका धर्म रक्तदान स्वीकार नहीं करता. इसलिए कहीं भी उनकी सर्जरी नहीं हो पा रही थी. इधर कमजोरी बढ़ती जा रही थी. हाइटेक हॉस्पिटल के डाक्टरों ने उसकी स्थिति को समझा और उसके अनुरूप ही इलाज किया. आज वह बेहद खुश है और दिल से दुआ कर रही है.
लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ नवील शर्मा ने बताया कि महिला 21 मई को अस्पताल पहुंची थी. उसे पेट में काफी तकलीफ थी. जांच में पता चला कि उसका हीमोग्लोबिन (एचबी) 6 ग्राम था. जांच के दौरान पता चला कि वह Ileo-colic junction (छोटी आंत और बड़ी आंत का संधि स्थल) की टीबी से ग्रस्त थी. खून चढ़ाया भी नहीं जा सकता था. इसलिए पहले मरीज के शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ाने के प्रयास प्रारंभ किये गये. जब रक्त की मात्रा 9 ग्राम तक हो गई तो दूरबीन पद्धति से उसकी सर्जरी की गई. डॉ शर्मा ने बताया कि हम बहुत कम रक्तस्राव (केवल 5 से 10 एमएल) में यह सर्जरी करने में सफल रहे.
सर्जरी की चर्चा करते हुए डॉ नवील शर्मा ने बताया कि छोटी आंत और बड़ी आंत के संधिस्थल पर टीबी से घाव हो जाता है जहां से लगातार रक्तस्राव होता रहता है. इसे हटाने के लिए एक बड़ी सर्जरी की जरूरत होती है जिसमें संधि के दोनों तरफ से 15-15 सेंटीमीटर हिस्से को काटकर हटाना पड़ता है. यह एक बड़ी सर्जरी थी जिसे करने में हम कामयाब रहे. महिला को 27 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. जब वह अस्पताल से रवाना हुई तो उसका एचबी 9.6 ग्राम था.

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