भिलाई। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित विविध कार्यक्रमों के तहत आज एमजे कालेज में पूर्व सैनिकों को आमंत्रित किया गया. सेना के तीनों अंगों के दस पूर्व सैनिक महाविद्यालय पहुंचे. उन्होंने बच्चों को जीवन में अनुशासन, कठिन परिश्रम एवं लगातार आगे बढ़ने की कोशिश के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने बच्चों के सेना में करियर के बारे में जानकारी दी.
एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना के मुरलीधर नायर, माधब दास, भारतीय नौसेना से सतीश विनायक गाडगे तथा भारतीय थलसेना से उत्तम कुमार सिन्हा, संतोष कुमार लेंका, संतोष कुमार, श्याम सुन्दर राठौड़, संजय त्रिपाठी, विनोद के बंजारे तथा गणेश राम माहेश्वरी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि 25 साल की उम्र के बाद सेना में प्रवेश करना काफी मुश्किल होता है. थोड़ी तैयारी कर ली जाए तो सेना में जाया जा सकता है. विश्व के कुछ देशों में कम से कम एक साल सेना में काम करना अनिवार्य है. भारत में भी ‘अग्निवीर योजना’ के तहत कुछ वर्षों के लिए सेना में जाया जा सकता है जिसके कई फायदे हैं. इस शार्ट टर्म सर्विस में पैसे भी अच्छे मिलते हैं और यह अनुभव जीवन की गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को कई गुणा बढ़ा देता है. उन्होंने सेना में अपने अनुभवों को भी साझा किया. पूर्व सैनिकों ने इसके बाद न्यू आर्यनगर स्थित एमजे स्कूल प्रांगण में “मेरी माटी मेरा देश” के तहत पौधे भी लगाए.
आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने पूर्व सैनिकों का स्वागत करते हुए कहा कि जो एक बार सेना में जाता है वह हमेशा के लिए सेना का हो जाता है. सैनिक जीवन व्यक्तित्व को निखारने के साथ ही व्यक्ति की मानसिक एवं शारीरिक क्षमताओं में भी इजाफा करता है. उन्होंने सभी विद्यार्थियों से सैनिकों के अनुभवों से प्रेरणा लेने तथा उनके अनुभवों को ध्यान से सुनने का आग्रह किया.
कार्यक्रम का संचालन अतिथि व्याख्याता दीपक रंजन दास ने किया. अंत में धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी शकुन्तला जलकारे ने किया. इस अवसर पर अतिथि व्याख्याता विशाल सोनी ने सेना की शान में एक स्वरचित कविता का भी पाठ किया.