भिलाई। एक पांच साल की बच्ची खेलते-खेलते सिलाई मशीन की सुई निगल गई. सुई ड्यूडेनम (ग्रहणी) में जाकर गहरे धंस गई. यदि सुई और भीतर चली जाती तो उसे बिना सर्जरी के निकालना संभव नहीं होता. सुई आड़ी फंसी हुई थी जिसके कारण एंडोस्कोप से भी उसे निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. बहरहाल एंडोस्कोप की मदद से सुई को सुरक्षित निकाल दिया गया. बच्ची अब सकुशल है.
हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ आशीष देवांगन ने बताया कि बच्चों द्वारा खेलते-खेलते हाथ की चीजों को धोखे से निगल जाने की घटनाएं आम हैं. हर महीने इस तरह के पांच से छह केस आते हैं जिसमें बच्चा बटन, सिक्का या किसी खिलौने का पुर्जा निगल जाता है. इन फारेन आब्जेक्ट्स को एंडोस्कोप की सहायता से आसानी से निकाल दिया जाता है. पर इस बार मामला इतना आसान नहीं था. एक तो छोटी सी सुई और ऊपर से उसका आड़ा धंसे होना कई मुश्किलों का कारण बना.
उन्होंने बताया कि सुई ग्रहणी के दूसरे और तीसरे हिस्से के बीच फंसी थी. इसके आगे छोटी आंतें शुरू हो जाती हैं. यदि सुई इससे आगे निकल गई होती तो उसे निकालने के लिए सर्जरी करनी पड़ती. सुई यहां तक अपने मोटे सिरे के सहारे सरकती चली गई थी और वहां जाकर आड़ी हो गई थी. सुई को निकालते समय ग्रहणी को सुरक्षित रखना भी जरूरी था. इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ी.
उन्होंने पालकों से आग्रह किया है कि बच्चा कुछ भी निगल जाए तो घरेलू नुस्खे और तरीके आजमाने की बजाय उसे तत्काल डाक्टर के पास लेकर जाएं. देर होने पर कभी-कभी मामला जटिल हो जाता है.