भिलाई। हाईटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में पिछले एक माह के दौरान संधि प्रत्यारोपण की छह सर्जरियां की गई हैं. इनमें घुटने एवं कूल्हे के जोड़ों की सर्जरी शामिल थी. अधिकांश मरीज 50 साल से अधिक उम्र के थे. इनमें ऐसे मरीज भी थे जो मधुमेह से पीड़ित थे. इनमें से एक मरीज ऐसा भी था जिसके पैर खराब जोड़ों के कारण मुड़ गए था और उसका चलना फिरना तो दूर खड़ा होना तक मुश्किल हो गया था.
अस्थि एवं संधि प्रत्यारोपण सर्जन डॉ दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि इनमें से अधिकांश मरीज वंचित तबके से थे जिनका इलाज अलग-अलग पैकेज के तहत किया गया. इनमें दो महिलाएं थीं जबकि शेष मरीज पुरुष थे.
डॉ सिन्हा ने बताया कि डायबिटीज का ज्वाइंट रीप्लेसमेंट सर्जरी की सफलता से कोई सीधा संबंध नहीं है. दुनिया भर में हुए शोध बताते हैं कि डायबिटीज यदि नियंत्रण में है तो सर्जरी और रिकवरी में ज्यादा दिक्कत नहीं आती. पर यदि डायबिटीज अनियंत्रित है तो वही जटिलताएं हो सकती हैं जो अनकंट्रोल्ड डायबिटीज के मामले में किसी भी अन्य सर्जरी में हो सकती हैं.
उन्होंने बताया कि सभी मरीजों की स्थिति बेहतर है.