दुर्ग। पूरे देश के साथ ही दुर्ग जिले में भी 6 अगस्त से मीजल्स और रूबेला वायरस (एमआर) से बचने के लिए टीकाकरण किया जाना है। जिन बच्चों का नियमित टीकाकरण हो चुका है, यह टीका उन्हें भी दिया जाना है। यह जानकारी डीआईओ डॉ सुदाम चंद्राकर ने दी। निजी स्कूलों के बच्चों के पालकों द्वारा टीकाकरण को लेकर जताई जा रही आशंका को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को एमएमआर टीका लग चुका है उन्हें भी एमआर टीका लगवाना जरूरी है। यह शासन के स्तर पर चलाया जा रहा एक मास कैम्पेन है। इसलिए आता है बुखार
डॉ चन्द्राकर ने बताया कि किसी भी प्रकार का टीका लगाने के बाद बच्चों में बुखार का आ जाना या शरीर पर चकत्ते उभर आना एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा तब होता है जब शरीर वैक्सीन के खिलाफ शरीर में प्रतिरोधक एंटीबॉडीज का निर्माण कर रहा होता है। इसे लेकर डरने की कोई जरूरत नहीं है।
स्थिति सुधरी
श्रीकंचनपथ से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के स्कूलों में पहले थोड़ा बहुत प्रतिरोध होता था किन्तु अब स्थिति काफी बेहतर है। लोग इस टीके का महत्व समझने लगे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 6 अगस्त से शुरू हो रहा अभियान 100 फीसदी सफल होगा।
हमारे पास आ रहे पालक
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ आशीष जैन ने बताया कि लोग उनके पास फोन भी कर रहे हैं और आ भी रहे हैं। लोगों का मत है कि जब बचपन में ही एमएमआर टीका लग चुका है तो अलग से एमआर टीका क्यों लगवाना है। लोगों को एमएमआर और एमआर टीके के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है।