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माता-पिता के बाद शिक्षक ही होता है छात्र की पहचान : थॉमस ओमेन

Jul 23, 2019

भिलाई। भिलाई महिला महाविद्यालय में चार दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम ‘इन पर्सूट ऑफ़ एक्सेलेंस’ को संबोधित करते हुए अतिथि वक्ता अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन के अतिथि प्राध्यापक थॉमस ओमेन ने कहा कि छात्र की पहचान माता-पिता के बाद उसके शिक्षक से होती है। सोना और शराब जितनी पुरानी होती है, उतनी ही मूल्यवान हो जाती है। यही बात शिक्षकों पर भी लागू होती है।भिलाई। भिलाई महिला महाविद्यालय में चार दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम ‘इन पर्सूट ऑफ़ एक्सेलेंस’ को संबोधित करते हुए अतिथि वक्ता अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन के अतिथि प्राध्यापक थॉमस ओमेन ने कहा कि छात्र की पहचान माता-पिता के बाद उसके शिक्षक से होती है। सोना और शराब जितनी पुरानी होती है, उतनी ही मूल्यवान हो जाती है। यही बात शिक्षकों पर भी लागू होती है।BMM-Workshop-02 BMM-Workshop-04थॉमस ओमेन महाविद्यालय के इन्टरनल क्वालिटी असेसमेंट सेल एवं भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षण एक तपस्या है और शिक्षक आदर और सम्मान का पात्र। देश विदेश के सफल लोगों एवं उच्च पदस्थ अधिकारियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी शिक्षक के आगे नतमस्तक हैं। वर्तमान में शिक्षक की भूमिका बदली है। एकतरफा ज्ञान दान के बजाय अब वह बहुआयामी भूमिका में है। वह गाइड, सहयोगी, अभिभावक, मित्र, लीडर, कोच, मेंटॉर, प्रशिक्षक, काउंसलर, व्यवस्थापक, उत्प्रेरक, कैप्टन, कन्डक्टर, रेफरी, नॉलेज इंजीनियर, आर्किटेक्ट, टीम प्लेयर, क्रियेटिव आर्टिस्ट और इनोवेटर जैसी न जाने कितनी भूमिकाएं अदा कर रहा है।
ओमेन ने कहा कि शिक्षक को अपनी इन सभी भूमिकाओं पर खरा उतरने के लिए समस्त स्रोतों से ज्ञान प्राप्त कर स्वयं को अपडेट करना होगा। तभी वह छात्र समुदाय के लिए आदर्श बन पाएगा। सम्मान मांगा नहीं जा सकता, उसे अपने ज्ञान और अभ्यास से जीतना पड़ता है।
उन्होंने 21वीं सदी में शिक्षा में पैराडाइम शिफ्ट, उसकी बहुक्षेत्रीय भूमिका, परिवर्तन अभिकर्ता के रूप में भूमिका, प्रभावशाली व्यवस्थापक जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने शिक्षकों को स्वयं को अपडेट करने के टिप्स भी दिए।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ जेहरा हसन, आईक्यूएसी प्रभारी एवं उप प्राचार्य डॉ संध्या मदन मोहन, बीईटी के सचिव सुरेन्द्र गुप्ता, कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ अभिलेखा बिस्वाल, उपप्राचार्य डॉ श्रीलेखा ने भी अपने विचार रखे। शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ मोहना सुशांत पंडित, डॉ राजश्री शर्मा, डॉ बर्ना मजूमदार, प्रतिभागी डॉ रूपम अजीत यादव, डॉ भारती वर्मा, डॉ प्रतीक्षा पांडे, श्रीमती नीतू साहू, हेमलता सिदार, के भावना, सुनीशा पैट्रिक, डॉ रंजना साहू, डॉ रीना शुक्ला, डॉ अल्पना शर्मा आदि ने भागीदारी दी। संचालन डॉ एम माधुरी देवी ने किया।BMM-Workshop-03

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