• Wed. May 1st, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

सोमालीलैंड में पहली बार रेप को माना गया अपराध, महिलाओं को मिलेगा न्याय

Jan 9, 2018

लंदन। सोमालीलैंड एक स्व-घोषित राज्य है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोमालिया के स्वायत्त क्षेत्र के रूप में मान्यता मिली हुई है। इस देश में रेप कोई अपराध नहीं था। इसकी बजाय रेप को सांस्कृतिक समस्या के रूप में देखा जाता था। बलात्कार करने वाले को पीड़िता से शादी करने के लिए कहा जाता था और मामला खत्म हो जाता था। मगर, समस्या विकराल होती जा रही थी और सामूहिक बलात्कार के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी थी। महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने लिए और इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए इस देश में पहली बार रेप के खिलाफ एक कानून पास किया गया है। लंदन। सोमालीलैंड एक स्व-घोषित राज्य है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोमालिया के स्वायत्त क्षेत्र के रूप में मान्यता मिली हुई है। इस देश में रेप कोई अपराध नहीं था। इसकी बजाय रेप को सांस्कृतिक समस्या के रूप में देखा जाता था। बलात्कार करने वाले को पीड़िता से शादी करने के लिए कहा जाता था और मामला खत्म हो जाता था। मगर, समस्या विकराल होती जा रही थी और सामूहिक बलात्कार के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी थी। महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने लिए और इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए इस देश में पहली बार रेप के खिलाफ एक कानून पास किया गया है। नए कानून के अनुसार अब रेप करने वाले अपराधी को 30 साल की जेल होगी। साल 1991 में सोमालीलैंड ने खुद को सोमालिया से अलग कर दिया था। मगर, इसे आज तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के रूप में मान्यता नहीं मिली है। सोमालिया में आज भी रेप के खिलाफ कोई कानून नहीं है।
सोमालीलैंड के संसद के स्पीकर बाशे मोहम्मद फराह ने कहा कि देश में रेप की वारदातें बढ़ गई थी। उम्मीद है कि नए कानून से इसे रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन दिनों हमने देखा कि लोग सामूहिक बलात्कार को अंजाम दे रहे थे। नए कानून का मकसद रेप को पूरी तरह से रोकना है।
सोमालिया पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक विफल देश है, जिसे दुनिया का पांचवां खतरनाक देश माना जाता है।सोमालिया के एक देश के रूप में विफलता की मुख्य वजह एक दक्ष नेतृत्व की कमी रही है। अव्यवस्थित प्रशासन-गृहयुद्ध जैसे हालात इस अफ्रीकी देश की सबसे बड़ी समस्या है।
इसलिए यहां के बाशिंदे दूसरे मुल्कों में रहने के लिए मजबूर हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 में 11 लाख लोग जबरन यहां से निकाले गए। अपराध यहां मुख्य पेशे की तरह है।

Leave a Reply