भिलाई। नेवाई गांव मंगलवार को एक बार फिर नरबलि की आशंका से दहल गया। चार साल पहले इसी बस्ती के रहने वाले ईश्वरी यादव ने रूआबांधा बस्ती में दो बच्चों की बलि देकर अंचल में खलबली मचा दी थी। ईश्वरी को भी संदिग्ध पूजापाठ के चक्कर में यहां से भगाया गया था। Read More
दरअसल हुआ यूं कि नेवई बस्ती निवासी किशोर धनकर की बेटियां 8 साल की वर्षा और छह साल की तारिणी स्कूल से नहीं लौटी थीं। परिवार ने उनके बारे में पूछताछ शुरू की तो पता चला कि मोहल्ले की ही एक 18 वर्षीय युवती उन्हें अपने साथ ले गई थी। वे उसके घर पहुंचे तो उसने इस बाबत कुछ भी पता होने से इंकार कर दिया। थोड़े समय बाद दोनों बच्चियां घर लौट आईं। उन्होंने दोबारा उसी युवती का नाम लेते हुए बताया कि वह उन्हें अपने घर लाने के बाद मैत्रीबाग घुमाने ले गई थी। छोटी छोटी बच्चियों को गुपचुप घर ले जाने की बात पर लोगों की आंखों के आगे एक बार फिर रुआबांधा नरबलि कांड का दृश्य घूम गया। उनका मानना था कि बच्चों को पूजा पाठ और संभवत: नलबलि के लिए ही ले जाया गया था। जब बात खुल गई तो उन्हें मैत्रीबाग घुमाकर घर के पास छोड़ दिया गया। उन्होंने युवती के परिवार पर नेवाई छोडऩे का दबाव बनाना शुरू किया। उनके नहीं मानने पर शुक्रवार को उन्होंने नेवई थाने का घेराव कर परिवार की गिरफ्तारी की मांग की। अंतत: जनआक्रोश के सामने झुकते हुए पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर लिया।
युवती का परिवार घर के अंदर दिन भर पूजा पाठ में लगा रहता है। इससे पहले ईश्वरी यादव भी इसी तरह की पूजा किया करता था। संदेह होने पर मोहल्लावासियों ने उन्हें भगा दिया था। ईश्वरी इसके बाद रूआबांधा बस्ती जाकर बस गया था जहां चार साल पहले उन्होंने ढाई साल के चिराग और आठ साल की मनीषा की बली दे दी गई थी।