भिलाई। रुद्र महायज्ञ परिसर में पार्थिव शिवलिंग बनाने की होड़ लगी हुई है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में स्त्री पुरुष और बच्चे पार्थिव शिवलिंग बनाने जुट रहे हैं। अब तक पांच टिप्पर मिट्टी सूक्ष्म पार्थिव शिवलिंगों में तब्दील हो चुकी है। Read More
सेक्टर-2 में आयोजित रुद्र महायज्ञ परिसर में दूर दूर से श्रद्धालुओं के आने के तांता लगा हुआ है। शाम को सूरज ढलते ही यहां लोगों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। लोग सपरिवार यहां आ रहे हैं और दरी पर बैठकर शिवलिंग का निर्माण कर रहे हैं। यहां सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग बनाने का संकल्प लिया गया है। पं. अम्बरीश शुक्ला की मानें तो वास्तविक संख्या इससे अधिक हो सकती है। आज 30 मार्च तक लगभग 70 लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जा चुका है। श्री हनुमत वानरी सेना सेवा समिति के बी सुग्रीव व चिन्ना केशवलू ने बताया कि पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए प्रतिदिन कई खेपों में मिट्टी मंगाई जा रही है। लोग अपने द्वारा बनाए गए शिवलिंगों को स्वयं ही गिन कर उसकी इंट्री करा रहे हैं और फिर अक्षत के साथ शिवजी को अर्पित कर रहे हैं।
पार्थिव शिवलिंग महत्वपूर्ण
कोशलेष सवन अयोध्या के उत्तराधिकारी ज्योतिषाचार्य, व्याकरणाचार्य हरिनारायण आचार्य ने बताया कि पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उसका पूजन करने से अनंत सौभाग्य जागृत होता है। लंकापति रावण ने आजीवन पार्थिव शिवलिंग की ही पूजा की थी। श्रीराम के समय युद्ध में व्यस्त होने के कारण उनका यह क्रम टूट गया और लंका का सर्वनाश हो गया। स्वयं श्रीराम ने रामेश्वरम में पार्थिव शिवलिंग की पूजा की थी और समुद्र पर सेतु बांधने में सफल रहे थे। यह पार्थिव शिवलिंग का ही प्रताप था कि उन्होंने शिवभक्त रावण को युद्ध में मात दे दी।