दुर्ग। महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में उनके प्रेरक उदगार पाप से घृणा करो पापी से नहीं का आत्मसात करते हुए जेल में एकाकी जीवन एवं मनोव्यथाओं से पीडित महिला बंदियाों के बहुआयामी आध्यात्मिक विकास और स्वयं के आत्मिक स्वरूप को पहचानते हुए परम पिता से सहज योग- राजयोग से जुडने की विधा के दैनिक अभ्यास हेतु महात्वाकांक्षी साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम 25 सितम्बर से 1 अक्टूबर के बीच प्रजापिता ब्रहाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय भिलाई एवं दुर्ग के संयुक्त तत्वाधाान में आयोजित किया गया।
प्रतिदिन ब्रहाकुमारी माधुरी बहन द्वारा बहुत ही सरल विधि द्वारा स्व – परिचय से अवगत कराते हुए अपने दुख एव अषांति के मूल कारण ना समझ पाने की दशा और उसके कारण उपजे विकारों और विपरीत लक्षणों की विस्तार से पहचान करना अपने विचारों का आधार और धारित सकारात्मक संस्कारों का आचरण तथा व्यक्तित्व परिवर्तन में महत्व समझाते हुए सक्रिय दैनिक अभ्यास द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के प्रथम चरण के गरिमामय समापन एवं अंतर्संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ब्रहाकुमारी आशा दीदी एवं रीटा बहन आशीर्वाद देने उपस्थित थी। कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोग अभ्यास की विधि संपन्न हुई। तत्पश्चात प्रशिक्षण से लाभान्वित महिलाओं के अनुभव एवं संबंधित जिज्ञासाओं के समाधान हेतु पे्ररक चर्चा की गई। अध्यक्ष की आसंदी से आशा बहन ने उद्गार व्यक्त किए कि ईश्वर तो हम सब आत्माओं के परमप्रिय परमपिता हैं और उनसे अविनाषीे सुखशांति प्राप्त करना हमारा ईश्वरीय जन्म सिद्ध अधिकार है किंतु स्वयं को विकारों और बुराइयों से मुक्त होने के लिए ईश्वरीय ज्ञान एवं श्रीमत का सही परिचय ना होने से हर कोई अशांति और आशंकाओं से भरा हआ है। जबकि ईश्वर से टूटे हुए विस्मृत संबंध को स्थापित करने का बहुत ही सरल और सहज विधि है – राजयोग। ब्रम्हाकुमारी रीटा बहन ने परमपिता की सतत याद में रहने और दैनिक अभ्यास के साथ आत्मिक सात गुणों को धारण करने में शुद्ध संकल्पों और सकारात्मक जीवन शैली के अर्तसंबंधों की महत्ता से अवगत कराया।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सुश्री रश्मि चौधरी, महिल सेल प्रभारी ने कार्यक्रम के दीर्घगामी परिणाम पाने हेतु उपस्थित महिला समूह को पे्ररित किया तथा आगे इस कड़ी को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। संस्था द्वारा पारिवारिक माहौल में समस्त महिला समूह को उपयोगी दैनिक सामग्री एवं ईश्वरीय ज्ञान पाठय किट, मांओं के साथ रह रहे छोटे बच्चों को कपड़े खिलौने भेंट किये गये तथा सभी को ईश्वरीय प्रसाद वितरित किया गया। वरिष्ठजन दिवस के अवसर पर बुर्जुग महिला बंदियों को विशेष उपहार भेंट कर सम्मान भावना ज्ञापित की गई।
कार्यक्रम के परिकल्पना एवं संयोजन में समग्र परिवार विकास केंद्र भिलाई की समाजकार्य विशेषज्ञ श्रीमती अंजना श्रीवास्तव एवं परामर्शदाता श्रीमती आभा शशिकुमार द्वारा सहयोगी सेवाएं प्रदान की गई तथा सुश्री रशमी, महिला सैल प्रभारी एवं महिला प्रहरी स्टाफ का उल्लेखनीय सहयोग रहा। बंदी महिला समूह की लगभग 115 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में सक्रीय हिस्सा लिया और आगे दैनिक अभ्यास जारी रखने का संकल्प लिया। संस्थान द्वारा इसके प्रभावी संचालन जारी रखने के प्रयास में जेल प्रबंधन को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।