दुर्ग। पुलिस कार्रवाई में एक नक्सल कमांडर जोड़़े को बिना किसी खूनखराबे के दौड़ाकर पकड़ लिया गया। इनमें से महिला नक्सली डाक्टरी कार्य में निपुण थी और इंसास रायफल रखती थी। आईजी दुर्ग रेंज दीपांशु काबरा के निर्देश पर बालोद जिले में चलाए जा रहे एंटी नक्सल आपरेशन के तहत एसपी दीपक कुमार झा, एडिशनल एसपी जेआर ठाकुर के नेतृत्व में जिला बालोद के थाना डौण्डी, थाना महामाया, थाना राजहरा एवं राजनांदगांव जिला के सरहदी क्षेत्र में यह सफलता मिली। मुखबीर की सूचना पर श्री ठाकुर ने सीएसपी राजहरा भारतेन्दु द्विवेदी के नेतृत्व में टीम बनाई।टीम में थाना राजहरा प्रभारी परि.उप पुलिस अधीक्षक ऐश्वर्य चंद्राकर, सउनि. कार्तिक चंद्रवशी, आरक्षक रविशंकर देशलहरे, आरक्षक धर्मगुड़ी, आरक्षक चालक केदारनाथ दिल्लीवार, सहायक आरक्षक ईश्वर भण्डारी, बिरबल दर्रो, रमेश यादव शामिल थे। टीम को हितकसा के जंगल की ओर सर्चिंग के लिए रवाना की गई। सर्चिंग के दौरान हितकसा के घने जंगल के अंदर एक पेड़ के नीचे संदिग्ध रूप से एक युवक और युवती बैठे मिले। पुलिस को देखकर वो भागने लगे पर पुलिस ने दौड़ाकर उन्हें पकड़ लिया। पहले तो उन्होंने अपना नाम रामू व सुशीला बताया किन्तु सख्ती से पूछताछ करने पर युवक ने अपना नाम उमेश गावड़े पल्लेवाड़ी एरिया कमेटी का कमाण्डर एवं युवती ने अनिला मरकाम मोहला (रामगढ़) एरिया कमेटी का कमाण्डर होना स्वीकार किया।
उमेश गावड़े 2007 से नक्सली संगठन से जुड़ा। 2 साल पल्लेमाड़ी एरिया कमेटी के सदस्य के रूप में कार्य किया उसके बाद वर्ष 2011, 2012 मे मंगलतराई एलओएस का कमाण्डर बनाया गया। 2 वर्ष बाद संगठन कमजोर होने लगा परिणाम स्वरूप मंगलतराई एलओएस भंग कर दिया गया।
अनिला मरकाम नाट्य मंडली से प्रेरित होकर 2007 में नक्सली संगठन में भर्ती हो गई। प्रारंभिक पूछताछ में अनिला ने बताया वह पढऩा चाहती थी। घर वाले पढऩे नहीं दिए इसलिए वह गुस्से में नक्सलियों से जा मिली। 2 माह साथ में घुमने के बाद 12 बोर बन्दूक दी गई। औंधी मदनवाड़ा क्षेत्र में काम किया। वहीं रायफल चलाना व डॉक्टरी का काम सीखा। फिर पल्लेवाड़ी एरिया कमेटी मे भेज दिया गया। पल्लेमाड़ी में 2013 तक एलओएस सदस्य के रूप मे कार्य किया। 2 माह बाद मार्च 2013 से मार्च 2016 तक कमाण्डर और फिर मोहला कमेटी में स्थानांतरण कर दिया गया। ये इंसास रायफल रखती थी।